Edited By Kamini,Updated: 19 Jan, 2024 01:23 PM
आए दिन स्कूल बस हादसों में बच्चे अपनी कीमती जान गंवा रहे हैं। फिर चाहे स्कूल की गलती हो या बस ड्राइवर की।
गोराया : आए दिन स्कूल बस हादसों में बच्चे अपनी कीमती जान गंवा रहे हैं। फिर चाहे स्कूल की गलती हो या बस ड्राइवर की। उस समय कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, जिसका फायदा उठाकर कुछ स्कूल नशेड़ी और लापरवाह ड्राइवरों को सौंप देते हैं।
ऐसा ही एक मामला गांव गोराया के एक निजी स्कूल का सामने आया है, जहां सुबह नशे में धुत एक स्कूल बस चालक ने बस में सफर कर रहे बच्चों की जान उस समय खतरे में डाल दी जब चालक बस पर नियंत्रण नहीं रख सका। बच्चों ने खुद हिम्मत जुटाई और बस का स्टीयरिंग व्हील पकड़ लिया। इसके बाद बस एक तरफ खड़ी थी। गांव वासियों ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को बस से सुरक्षित बाहर निकाला और पुलिस को बुलाकर बस चालक को पुलिस के हवाले कर दिया।
बच्चों के सुरक्षित होने की सूचना मिलते ही अभिभावकों ने राहत की सांस ली और बच्चों को दूसरी स्कूल बस से स्कूल भेजा गया। जानकारी के मुताबिक कल सुबह 10 बजे गोराया के चक्क देसराज गांव की एक स्कूल बस के ड्राइवर ने कुछ नशीला पदार्थ ले रखा था, रास्ते में घने कोहरे के बीच उसने बस को तेज कर दिया, तभी बस उसके नियंत्रण से बाहर हो गई। उसे सड़क पर इधर-उधर ले जाने लगा।
पहले तो बच्चों ने सोचा कि कोहरे में ड्राइवर को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है, जब बच्चों ने उससे स्पीड कम करने को कहा तो वह बच्चों से बहस करने लगा और उन्हें चुपचाप बैठने को कहा। तभी जब बस एक ऑटो वाले से छूट गई तो बच्चे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। स्कूली बच्चों की आवाज सुनकर ऑटो चालक भी अपना ऑटो स्कूल बस के पीछे ले गया। बस में कक्षा 6 और उससे ऊपर के बच्चे थे और बच्चों को लगा कि ड्राइवर बस पर नियंत्रण नहीं रख रहा है। इसलिए वे हिम्मत करके आगे बढ़े और बस को अपने नियंत्रण में ले लिया।
इस बीच ड्राइवर बच्चों को गालियां देता रहा और आखिरकार कुछ दूर जाकर बस सड़क से नीचे उतरकर रुक गई। नशे में धुत ड्राइवर की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह सीट से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था और वह बस की ड्राइवर सीट पर पैर फैलाकर सो गया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर गांव निवासी घरों से बाहर निकल आए और पीछे आ रहे ऑटो का चालक भी वहां पहुंच गया। उन्होंने गांव वालों को बताया कि कैसे बस ड्राइवर की गलती से उनके साथ हादसा होते-होते बच गई।
जब बेहोश ड्राइवर नहीं उठा तो लोगों ने तुरंत इसकी सूचना फिल्लौर पुलिस और स्कूल को दी, जिसके बाद ए.एस.आई. विजय कुमार ने मौके पर पहुंचकर बस को कब्जे में ले लिया और नशे में धुत चालक का मेडिकल करवाकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी और बस को कब्जे में ले लिया। इस संबंध में जब स्कूल के प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने यह कहकर फोन काट दिया कि वह खुद अस्पताल आए हैं और बाद में बात करेंगे। लोगों ने कहा कि बस को पंचायत घर पर रुकवाया जाए और बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले स्कूल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
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