डेढ़ वर्ष पूर्व होस्टल में छात्र की हुई मौत पर हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच शुरू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 12:37 PM

high court directive on student death

डेढ़ वर्ष पहले होस्टल में छात्र की मौत को लेकर अभिभावकोंं ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने इस मामले की पुन: जांच कराने के आदेश जारी किए। वकीलों सहित परिजनों ने बताया कि खरड़ की एक यूनिवर्सिटी के होस्टल में 16 मई 2016 को एक...

बठिंडा(विजय): डेढ़ वर्ष पहले होस्टल में छात्र की मौत को लेकर अभिभावकोंं ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने इस मामले की पुन: जांच कराने के आदेश जारी किए। वकीलों सहित परिजनों ने बताया कि खरड़ की एक यूनिवर्सिटी के होस्टल में 16 मई 2016 को एक मौड़ मंडी के रहने वाले लॉ के छात्र अतिंद्र सिंह पुत्र नायब सिंह की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में मिली थी। जिसके बाद यूनिवर्सिटी के प्रबंधक ने उनके परिवार को बताया कि अतिंद्र ने होस्टल के अपने कमरे में पंखे से लटक कर आत्महत्या की है जिसके बाद पुलिस ने धारा 174 के तहत केस दर्ज करके केस बंद कर दिया था परंतु मृतक अतिंद्र की पीड़ित माता रणजीत कौर और पिता नायब सिंह ने सोमवार को प्रैस क्लब में प्रैस वार्ता करके आरोप लगाया है कि उसके बेटे ने आत्महत्या नहीं की उसका रंजिश में कत्ल किया गया है।

इस दौरान उनके साथ उनके वकील गुरप्रीत सिंह भी थे। प्रैस क्लब में पीड़ित रणजीत कौर ने रोते हुए बताया की डेढ़ वर्ष से बेटे के कातिलों को सजा दिलाने व इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं परंतु इंसाफ लेने को उन्होंने अपने वकील गुरप्रीत सिंह के जरिए हाईकोट में अपने बेटे के मर्डर केस की दोबारा जांच के लिए रिट दायर की है जिसके चलते हाईकोट ने उनकी अपील पर 9 नवम्बर 2017 को जांच के आदेश दिए थे। जांच की जिम्मेदारी ए.टी.एस. चीफ आई.पी.एस. कुंवर विजय प्रताप सिंह को सौपी गई है जो इस केस की जांच करके अदालत को सौंपेंगे। उनको पूरी उम्मीद है कि जांच के बाद उनके बेटे के कातिलों को सजा मिलेगी और उनको इंसाफ मिलेगा। रणजीत कौर ने बताया कि उनका बेटा अङ्क्षतद्र  21 अप्रैल 2016 को यूनिवॢसटी में एक पेपर देने गया था। उसने क्लास रूम में देखा कि यूनिवर्सिटी का एक लैब अटैंडैंट कुछ विद्यार्थियों को नकल करवा रहा था। उनका बेटा पढ़ाई में बहुत होशियार था जिस कारण उसने नकल का विरोध किया। 

उसने कहा कि आप नकल करवा कर होशियार विद्यार्थियों का हक मार कर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं जो सरासर गलत बात है जिसके चलते वह अपनी खाली पेपर शीट देकर आ गया। उसने आगे भी प्रबंधकों को शिकायत दी थी जिसके चलते वे लोग उसके साथ रंजिश रखने लगे थे। फिर 16 मई 2016 को उनको एक लड़की जो उनके बेटे के साथ पढती थी, उसने फोन किया कि अतिंद्र की तबीयत खराब है आप जल्द आएं। थोड़ी देर बाद उनको खरड़ पुलिस के ए.एस.आई. सुखविंद्र सिंह का फोन आया कि उनके बेटे की उसके कमरे में लाश मिली है। उनको प्रबंधकों ने बताया कि उसने पंखे से लटक कर अपनी जान दी है परंतु उनको पूरा यकीन है कि उनके बेटे का कत्ल करके आत्महत्या का रूप दिया गया। उन्होंने खरड़ पुलिस के थानेदार से लेकर बड़े अधिकारियों को बेटे के केस को दोबारा खोल कर जांच के लिए कहा परंतु उनकी किसी ने नहीं सुनी।

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