चुनावी बिगुल बजते ही गर्माने लगी ‘उड़ता पंजाब’ पर सियासत

Edited By Vatika,Updated: 13 Mar, 2019 09:14 AM

drugs in punjab

लोकसभा का चुनावी बिगुल बजते ही पंजाब में नशे का ‘जिन्न’ भी बाहर निकल आया है। लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत बैंस ने तो प्रदेश में ‘चिट्टे’ के काले कारोबार का खुलासा कर यह तय कर दिया है कि इस बार भी चुनावी सभाओं में ‘उड़ता पंजाब’ पर खूब सियासत...

चंडीगढ़(अश्वनी): लोकसभा का चुनावी बिगुल बजते ही पंजाब में नशे का ‘जिन्न’ भी बाहर निकल आया है। लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत बैंस ने तो प्रदेश में ‘चिट्टे’ के काले कारोबार का खुलासा कर यह तय कर दिया है कि इस बार भी चुनावी सभाओं में ‘उड़ता पंजाब’ पर खूब सियासत गर्माएगी। हालांकि बैंस से पहले कांग्रेस ने ही ‘ड्रग्स’ पर ‘सैल्फ गोल’ कर लिया था।
PunjabKesari
मोगा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते-साधते पंजाब में अपनी ही कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था। राहुल गांधी का कहना था कि पंजाब के युवाओं की जिंदगी को तबाह करने वाली नशे के कारोबार में लिप्त ‘बड़ी मछलियों’ पर सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। अब चुनावी बिगुल बजते ही बैंस ने सरकार के खिलाफ सियासी मोर्चा खोल दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में ड्रग्स इस बार भी बड़ा मुद्दा रहेगा। ऐसा इसलिए भी है कि पंजाब में कांग्रेस ने सत्ता संभालने से पहले दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो 4 सप्ताह में प्रदेश से नशे के कारोबार का सफाया करेगी। बाकायदा कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस बात की सौगंध ली थी लेकिन करीब 2 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रदेश में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है।
PunjabKesari
डोप टैस्ट के फार्मूले पर सवाल 
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो चुनाव के दौरान कांग्रेस को नशे के मुद्दे पर घेरने के लिए सियासतदानों के पास काफी कुछ है। डोप टैस्ट जैसे मामले पर ही विपक्ष सरकार को कई दिन तक घेरे रह सकता है। ऐसा इसलिए है कि डोप टैस्ट पर खुद कांग्रेसी विधायक ही एकमत नहीं हैं। बेशक राज्य सरकार ने प्रदेशभर में डोप टैस्ट को अनिवार्य तौर पर लागू करने का ऐलान किया था लेकिन कई कांग्रेसी विधायकों ने इस पर सवाल खड़े कर दिए थे। नतीजा, मौजूदा समय में डोप टैस्ट का दायरा काफी सीमित हो चुका है। सरकार ने दावा किया था कि सूचना मिलने पर ऑन द स्पॉट नशे की जांच-पड़ताल होगी लेकिन सरकार इस तरह की कोई सुविधा नहीं दे पाई है। इसी कड़ी में नशा मुक्त जिला, नशा मुक्त पंजाब को कठघरे में रखकर भी विपक्षी दल सरकार पर सीधा हमला करेंगे। 
PunjabKesari
न कहते-कहते सरकार ने कबूला ओवरडोज से हो रही मौतें
सरकार बनने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग यह दावा करता रहा कि प्रदेश में ड्रग ओवरडोज से मौतें नहीं हो रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा तो सवाल पूछने पर खुद ही सवाल दागने लगते कि कौन-सी ड्रग का ओवरडोज? हालांकि अब हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान ‘आप’ विधायक अमन अरोड़ा के सवाल पर सरकार ने कबूल किया है कि ड्रग ओवरडोज से मौतें हो रही हैं। सरकार ने बताया है कि वर्ष 2017-18 व चालू वित्त वर्ष के दौरान फरवरी 2019 तक रा’य में करीब 109 संभावित ड्रग ओवरडोज के मामले संज्ञान में आए। इनमें से 49 मौतों की वजह मोरफिन ड्रग्स, 15 मौतों की वजह एल्यूमीनियम फोसफाइड, 2 मौतें ट्रामाडोल से और 1 मौत मल्टीपल ड्रग्स से हुई है। 
PunjabKesari
काडा रिपोर्ट भी हवा-हवाई 
पंजाब सरकार ने करीब 6 महीने पहले अगस्त 2018 में नशे पर नकेल कसने के लिए कॉन्प्रिहैन्सिव एक्शन अगेंस्ट ड्रग एब्यूज (काडा) नाम से रिपोर्ट तैयार की थी लेकिन इस रिपोर्ट को अब तक जमीनी स्तर पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। रिपोर्ट में कहा गया था कि नशे के खिलाफ लड़ाई के लिए सरकार ने तीन धार वाली रणनीति बनाई है। (ई.डी.पी.) यानी इन्फोर्समैंट, डी-एडिक्शन, प्रीवैंशन टू फाइट द मीनस ऑफ ड्रग्स की तीन धार वाली इस रणनीति में नशे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरैंस’ की बात कही गई थी। 

एक भी नैटवर्क नहीं तोड़ पाई पुलिस
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि ओवरडोज से हो रही मौतों के तमाम मामलों में पुलिस एफ.आई.आर. दर्ज करेगी, ताकि ड्रग सप्लायर व ड्रग सोर्स का पता चल सके। इसके उलट, अब तक पुलिस आधिकारिक तौर पर ड्रग्स ओवरडोज के बाद एक भी नैटवर्क तोडऩे का खुलासा नहीं कर पाई है।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!