Edited By Vaneet,Updated: 02 Jun, 2018 06:02 PM
शाहकोट उपचुनाव में जीत से विधानसभा में कांग्रेस सरकार को दो तिहाई बहुमत मिल गया है। दो तिहाई बहुमत का मतलब है कि अब ...
जालंधर: शाहकोट उपचुनाव में जीत से विधानसभा में कांग्रेस सरकार को दो तिहाई बहुमत मिल गया है। दो तिहाई बहुमत का मतलब है कि अब सरकार विधानसभा में बड़े नीतिगत फैसले ला सकेगी। विपक्ष के विरोध के बावजूद यह बिल पास किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शाहकोट रैली में यह घोषणा की थी की यह सीट जीतने से बहुमत मिलेगा और पंजाब के हित में बड़े बदलाव के फैसले बिना रुकावट लिए जा सकेंगे। विधानसभा में कोई भी बिल पास करने के लिए और उसमें बदलाव के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी है। सरकार पर्यावरण, इंडस्ट्री, माइनिंग, बिजली खरीद के पुराने समझौतों पर फैसला लेना चाहती है।
सरकार इन पर ले सकती है बड़े फैसले
पर्यावरण संरक्षण के लिए सख्त बिल लाया जा सकता है। दरियाओं को गंदगी से बचाने के लिए सरकार मुहिम शुरू करना चाहती है। राज्य में माइनिंग बड़ा इशू है। इस पर अभी सरकार नई पॉलिसी लाना चाहती है। अकाली दल की सरकार के समय बिजली खरीद के कई समझौते हुए थे। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ इन समझौतों को महंगा बताते रहे हैं। इन समझौतों को रद्द किया जा सकता है। सरकार इंडस्ट्री पॉलिसी में भी बड़ा बदलाव करना चाहती है।
विधान परिषद की भी संभावना
जब 1966 में पंजाब का बंटवारा हुआ था तब विधान परिषद खत्म हो गई थी। उसके बाद काफी समय तक किसी भी पार्टी के पास 2 तिहाई बहुमत नहीं मिला। 1992 में बेअंत सिंह की सरकार बनी तो 87 विधायक थे और विधानसभा में अपर हाउस के तहत विधान परिषद का बिल पास किया गया। प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेजा गया था लेकिन केंद्र ने मंजूरी नहीं दी। मौजूदा सरकार भी इस पर विचार कर सकती है। अपर हाउस में कई बड़े नेता एडजस्ट हो सकते हैं। 1966 से पहले अपर हाउस उसी जगह लगता था जहां अब हरियाणा विधान सभा है।