भूल बख्शाने के एपीसोड के बाद अकाली व भाजपा में बढ़ी खटास

Edited By Vatika,Updated: 10 Dec, 2018 11:29 AM

bargadhi case

पंजाब की सियासत में 10 साल तक लगातार गठबंधन की सरकार निभाने वाले 2 दलों अकाली दल व भाजपा के बीच आजकल कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। बरगाड़ी कांड के बाद से ही भाजपा ने खुद को अकाली दल की हर गतिविधियों से अलग कर लिया था और अब भूल बख्शाने वाले एपीसोड के...

जालंधर,(रविंदर): पंजाब की सियासत में 10 साल तक लगातार गठबंधन की सरकार निभाने वाले 2 दलों अकाली दल व भाजपा के बीच आजकल कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। बरगाड़ी कांड के बाद से ही भाजपा ने खुद को अकाली दल की हर गतिविधियों से अलग कर लिया था और अब भूल बख्शाने वाले एपीसोड के बाद तो अकाली दल व भाजपा के बीच आपसी खटास बेहद तेज हो गई है।
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भाजपा नेता ही अब अकाली दल पर हमला करने से चूक नहीं रहे हैं। भूल बख्शाने वाले एपीसोड पर भाजपा ने तीखा वार करते हुए कहा कि सरकार चाहे दोनों दल चला रहे थे, मगर गलती शायद अकाली दल ने की होगी तभी उन्हें अपनी गलतियों का अहसास है। इसके लिए भाजपा क्यों माफी मांगे। भाजपा ने तो उलटा 10 साल गठबंधन में रह कर मुंह पर ताला लगाकर अपना वजूद ही कम किया है और जनता का विश्वास खोया है। भाजपा के कई अग्रणी नेताओं का मानना है कि जब तक अकाली दल की कमान वयोवृद्ध नेता प्रकाश सिंह बादल के हाथ में थी तो दोनों पार्टियों के बीच सब कुछ अच्छा चल रहा था और प्रदेश में दोनों सरकारें भी अच्छा काम कर रही थीं। मगर जैसे ही अकाली दल की कमान सुखबीर बादल के हाथ में आई और गठबंधन सरकार पर भी सुखबीर का दबदबा बढ़ा, उसके बाद इस सरकार को घमंडी सरकार कहा जाने लगा और ड्रग्स समेत सरकार पर बेअदबी जैसे कई आरोप लगे, मगर सरकार कुछ न कर सकी।
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नतीजतन अकाली दल अपने इतिहास में सबसे कम सीटों पर खिसक गया तो उसकी साथी रही भाजपा को मात्र 3 सीटें ही प्रदेश में मिल सकीं। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जिस तरह से गुरदासपुर उपचुनाव में भाजपा को बुरी हार मिलने के बाद सभी नगर निगमों से भाजपा व अकाली दल का सफाया हो गया, यह दोनों ही दलों में खींचतान खासी तेज कर गया।  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक से जब यह पूछा गया कि सरकार में दोनों पार्टियां थीं तो क्या भाजपा भी भूल बख्शाएगी। इस पर उनका कहना था कि दोनों आजाद पार्टियां हैं और गठबंधन कामन मिनिमम प्रोग्राम पर किया गया था। सुखबीर बादल जो चाहे इस इश्यू पर कहें, भाजपा इस पर कोई कमैंट नहीं करना चाहती क्योंकि यह मामला आस्था का है न कि राजनीतिक। यह पूछने पर कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की जिम्मेदारी क्या भाजपा भी लेगी तो श्वेत मलिक ने कहा कि अभी इसमें कुछ भी साफ नहीं है। जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर कई किंतु-परंतु हो चुके हैं और अब एस.आई.टी. पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सच्चाई जनता के सामने नहीं आ सकती। 

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पूर्व सरकार की नीतियों पर जमकर बरसे सीनियर भाजपा नेता
प्रदेश भाजपा के सीनियर नेता व भारतीय किसान मोर्चा ऑल इंडिया के सचिव सुखमिंद्र पाल सिंह ग्रेवाल ने भी अपनी गठबंधन पार्टी पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि अतीत में अकाली दल व भाजपा गठबंधन सरकार में भाजपा के लिए तजुर्बा बेहद बुरा रहा। 10 साल में भाजपा के 300 से ज्यादा वर्करों के खिलाफ केस दर्ज किए गए और ईमानदार नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला का जिक्र करते हुए ग्रेवाल ने कहा कि उनकी ईमानदारी को पूरा देश जानता है, मगर कुछ नेताओं की सिफारिश पर उन्हें राष्ट्रीय उपप्रधान के पद से हटाकर एक चर्चित व्यक्ति को यह ओहदा दे दिया गया। अतीत में गठबंधन सरकार के समय पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी में सभी नियमों को नजरअंदाज किया गया। मर्जी से मनमाफिक नौकरियां घरों में ही बांट कर तकनीकी शिक्षा को भरपूर नुक्सान पहुंचाया गया। बादल परिवार पर हमला करते हुए ग्रेवाल ने कहा कि 10 सालों में उन्होंने जो गुनाह किए हैं, उसका वेरवा तो जनता के सामने वह रखें। उन्होंने हाईकमान से आग्रह किया कि पंजाब हित में पार्टी उचित कदम उठाए। 

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