Edited By Vatika,Updated: 18 Dec, 2018 12:43 PM
1984 सिख हत्याकांड मामले में कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से सुनाई गई सजा पर 1984 के पीड़ित, जो पटियाला आकर बसे हुए हैं, ने कहा कि इस सजा के साथ उन्हें इंसाफ तो मिला परन्तु अधूरा।
पटियाला(जोसन): दिल्ली हार्इकोर्ट द्वारा सिख विरोधी दंगों से जुड़ें मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार देने और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर दंगा पीड़ितों ने कहा कि इस सजा के साथ उन्हें इंसाफ तो मिला परन्तु अधूरा।
बताया जाता है कि दंगों के बाद पीड़ित पटियाला आकर बसे हुए हैं। पीड़ितों का कहना है कि जो उस समय उनके साथ किया गया, वह कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। कई महिलाओं और पुरुषों ने अपनी दास्तान सुनाई। महिलाओं ने बताया कि उस समय दंगाइयों ने किसी को भी नहीं बख्शा, कई गर्भवतियों को भी घसीटा गया, वे कई-कई दिन भूखे, प्यासे रहे और यहां तक कि पहनने के लिए कपड़े तक भी नसीब नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि उम्रकैद काफी नहीं है, इन सभी को सरेआम फांसी पर चढ़ाया जाना चाहिए। पीड़ित परिवार ने कहा कि हम फांसी की सजा के लिए जहां तक जरूरत पड़ी जाएंगे।