Edited By Updated: 12 May, 2017 12:50 PM
आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा है कि चुनाव से करीब एक महीना पहले कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उन्हें कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कांग्रेस में दोबारा शामिल होने का न्यौता दिया था।
जालंधरः आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा है कि चुनाव से करीब एक महीना पहले कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उन्हें कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कांग्रेस में दोबारा शामिल होने का न्यौता दिया था। प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस सत्ता में रही है और अगर वह पार्टी में लौटते हैं तो उन्हें सरकार बनने पर मंत्री बनाया जाएगा। खैहरा ने कहा कि कांग्रेस की ऑफर उन्होंने ठुकरा दी थी क्योंकि वह विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं।
प्रैस कॉन्फ्रेंस में खैहरा ने ये भी कहा कि पार्टी अपनी मूल विचारधारा से भटक रही है इसलिए चुनाव में हार मिल रही है। दिल्ली निगम चुनाव हारे हैं, गुरदासपुर उपचुनाव, निगम चुनाव और पंचायत चुनावों में भी हार मिलेगी लेकिन अगर विचारधारा पर वापस लौटते हैं तो 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में सरकार जरूर बनेगी। ‘आप’ ने दिल्ली में दो साल में 50 प्रतिशत वोट बैंक गवां दिया है। पंजाब में 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी बिना वर्कर्स के 38 विधानसभा सीटों पर लीड लेने में कामयाब रही थी लेकिन विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत गिरा और सिर्फ 20 सीटें मिलीं।
भगवंत मान को पंजाब का प्रधान बनाने पर नाराजगी से इंकार करते हुए खैहरा ने कहा कि उनका स्पोक्समैन समेत पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा विचारधारा से दूर जाने के विरोध में था। मान को प्रधान पार्टी ने कुछ सोचकर ही बनाया होगा लेकिन ऐसे मामलों में एन.आर.आई. बेस की सलाह जरूरी है क्योंकि वह पार्टी के लिए प्रेरणा, मैनपावर और फंडिंग का आधार हैं। खैहरा ने कहा कि गुरप्रीत सिंह घुग्गी का पार्टी से जाना उसी तरह दुर्भाग्यपूर्ण है जिस तरह सुच्चा सिंह छोटेपुर का था। इससे पार्टी में गलत संदेश जाएगा। घुग्गी को जिस तरीके से हटाया गया वह ठीक नहीं। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि लोगों को साथ जोड़ना है लेकिन लोग पार्टी से टूट रहे हैं।
आमआदमी पार्टी के 11 विधायकों के भाजपा में शामिल होने की खबरों को खैहरा ने पूरी तरह से झूठ बताया। खैहरा ने कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं और वह खुद तो भाजपा में जाने की सोच भी नहीं सकते। भाजपा धर्म को बांटकर सत्ता में आई है और अगले कुछ चुनाव भाजपा जीत सकती है लेकिन इससे देश को बड़ा नुकसान होगा।