Edited By Vatika,Updated: 20 Aug, 2019 04:51 PM
सतलुज दरिया में आई बाढ़ के पानी से 30 गांवों की लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई व लोगों के घरों व खेतों में 5 से 6 फुट तक पानी भर गया है।
फिल्लौर(भाखड़ी): सतलुज दरिया में आई बाढ़ के पानी से 30 गांवों की लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई व लोगों के घरों व खेतों में 5 से 6 फुट तक पानी भर गया है। इस बीच स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। गत दिवस प्रात: से ही प्रशासन के अधिकारी गांवों में पहुंच लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए थे। जैसे ही रात्रि 11 बजे भाखड़ा डैम से छोड़ा लाखों क्यूसेक पानी सतलुज दरिया में दाखिल हुआ तो दरिया पूरी तरह रौद्र रूप में आ गया। रात्रि अढ़ाई बजे के करीब जाकर गांव पंजढेरा के करीब पड़ता और प्रात: 4 बजे गांव मियोवाल का तटबंध टूट गया जिससे दरिया का पानी सुबह होते-होते 30 गांवों में दाखिल हो गया। अधिकारियों के अनुसार बाढ़ के पानी से लाखों एकड़ फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है।
प्रशासन ने खाली करवाए थे 18 गांव, बाढ़ का पानी पहुंचा 30 में
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ की शंका को देखते हुए फिल्लौर तहसील में पड़ते 18 गांव ऐसे चुने थे जहां बाढ़ का पानी नुकसान पहुंचा सकता है और उन लोगों को वहां से निकाल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर चैन की सांस ली, परंतु प्रशासन के ये सारे दावे और इंतजाम उस वक्त धरे रह गए जब दरिया में आई बाढ़ के पानी की चपेट में 30 के करीब गांव आ गए। जिन गांवों को खाली नहीं करवाया गया था, वहां के लोग अपने घरों में फंस गए और बाढ़ के पानी से बचने के लिए अपने घरों की छतों पर चले गए।
धुस्सी बांध में दरार आने से प्रशासन में मचा हड़कंप
दोपहर 2 बजे के करीब जैसे ही प्रशासन के अधिकारियों को पता चला कि सतलुज दरिया के सबसे प्रमुख धुस्सी बांध में दरार आ चुकी है तो उनके होश उड़ गए। डिप्टी कमिश्नर जालंधर ने तुरंत फिल्लौर पहुंच अधिकारियों के साथ मीटिंग कर प्रभावित हो सकने वाले गांवों को खाली करवाने के कार्य में शीघ्र जुटने के निर्देश दिए और साथ में सिविल सर्जन जालंधर को भी अस्पताल खाली रखने व ऑक्सीजन सिलैडर के अलावा जरूरी दवाइंया तथा 24 घंटे डाक्टरों की टीमें तैनात रखने के निर्देश दिए।
एस.एस.पी. ने आधी रात संभाली रैस्क्यू की कमान
तटबंध टूटने की सुचनां मिलते ही मध्य रात्रि को एस.एस.पी. जालंधर नवजोत माहल उच्चाधिकारियों के साथ फिल्लौर पहुंचे और खुद डी.एस.पी. सरबजीत राय के साथ मिलकर रैस्क्यू की कमान संभाली। वह खुद नाव में सवार होकर प्रात: तक घरों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे रहे।
ग्रामीणों को भुगतना पड़ा अवैध माइनिंग का खमियाजा
ग्रामीणों मनजीत सिंह भुल्लर, अमरजीत सिंह और जतिंद्रपाल सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उनके गांव मियोवाल में खुलकर अवेध माइनिंग का कारोबार होता रहा है। दरिया पर चल रहे इस अवैध माइनिंग के कारोबार की गांववासियों ने वीडियो तैयार कर मुख्यमंत्री, डिप्टी कमिश्नर जालंधर व एस.डी.एम. फिल्लौर को भेज कर पहले से ही आगाह कर दिया था कि अर अवैध माइनिंग को न रोका गया तो दरिया में जलस्तर बढ़ते ही तटबंध टूट सकता है। परंतु किसी भी अधिकारी ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जिसका खमियाजा आज 30 गांवों के लोगों को भुगतना पड़ा। जहां अवैध माइङ्क्षनग चलती थी, वहीं से तटबंध टूटा है जिससे पानी तेजी से गांवों में दाखिल हुआ।