CBSE स्कूलों में बनेंगे ‘एंगर फ्री जोन’, बोर्ड ने जारी की एडवाइजरी

Edited By Vatika,Updated: 29 Dec, 2019 11:19 AM

cbse schools to have anger free zone

स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने सभी स्कूलों को अपने संस्थानों में ‘एंगर फ्री जोन’ बनाने को कहा है।

लुधियाना (विक्की): स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने सभी स्कूलों को अपने संस्थानों में ‘एंगर फ्री जोन’ बनाने को कहा है। बोर्ड के इस कदम से जहां शिक्षक, अभिभावक और स्टाफ अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने की कोशिश करेंगे, वहीं बच्चों के सामने भी नई मिसाल कायम होगी। सी.बी.एस.ई. के मुताबिक बच्चों को ‘गुस्से से मुक्ति’ का महत्व समझाने के लिए यह पहल अति उपयोगी साबित होगी। यही नहीं, स्कूलों को कहा गया है कि ‘एंगर फ्री जोन’ बनाने को लेकर की गई पहल को ट्विटर हैंडल पर भी शेयर करें। बोर्ड के सैक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने सी.बी.एस.ई. की वैबसाइट पर एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि स्कूलों को कैसे ‘एंगर फ्री जोन’ बनाया जा सकता है जिससे स्टूडैंट्स को गुस्से से छुटकारे की सीख मिले। सी.बी.एस.ई. ने कहा है कि उक्त एडवाइजरी छात्रों को मानसिक रूप से सक्रिय और भावनात्मक तौर पर स्वस्थ रहने में मदद करेगी। इसी के साथ विद्यार्थी स्कूलों में छुट्टी के बाद अपने घर ऊर्जा और प्रसन्नता के साथ वापस जाएंगे और अगले दिन स्कूल आने के लिए इच्छुक होंगे। 

‘ज्वॉयफुल एजुकेशन एंड होलिस्टिक फिटनैस’ के तहत होगी पहल 
स्कूलों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि इसे ‘ज्वॉयफुल एजुकेशन एंड होलिस्टिक फिटनैस’ की पहल के तहत शुरू किया जाए।बोर्ड ने स्कूलों के पिं्रसीपलों, अध्यापकों, स्टूडैंट्स व पेरैंट्स को सिफारिश की है कि हर वक्त मोबाइल न देखें और सभी व्यायाम करें। बोर्ड ने सभी स्कूलों से अपने अनुभवों को रिकॉर्ड करने को कहा है। इस पहल की फोटो ‘हैशटैग सीबीएसईनोएंगर’ का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया पर शेयर भी करनी होगी। 

किसी एक जगह लगाना होगा ‘एंगर फ्री जोन’ का बोर्ड
सी.बी.एस.ई. के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने स्कूलों को भेजे पत्र में कहा है, एंगर फ्री जोन’ में सभी गुस्से पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों को ‘एंगर फ्री जोन’ बनाने से छात्रों की स्किल डिवैल्पमैंट में मदद मिलेगी। साथ ही छात्रों के डर, अमानवीयता और दुख आदि को भी खत्म करने में सहायता मिलेगी। बोर्ड ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे एक जगह चुनकर वहां पर ‘यह क्रोध मुक्त जोन है’ संदेश लिखा बोर्ड लगाएं। 

ये दिए हैं एडवाइजरी में सुझाव
-बच्चों के आसपास सकारात्मकता जरूरी 
-स्कूल में बच्चों के साथ हंसकर बात करें 
-हमेशा मोबाइल की ओर न देखें 
- स्वयं को दिन में 20 मिनट अवश्य दें 
- योग को दिनचर्या में शामिल करें 
-बच्चों को खेलने की आदत डालें
- बच्चों के लिए सीखने की आदत को  नकारात्मकता  से रहित होना चाहिए 
- बच्चों के आसपास की हर चीज में  सकारात्मकता  का संचार करें 
-‘फिट इंडिया’ कार्यक्रम को पूरी तरह से लागू करना
- बच्चों को बताएं गुस्सा फिटनैस के लिए हानिकारक 

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