Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 09:49 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के जद्दी शाही शहर के प्रमुख फव्वारा चौक, लीला भवन और सेवा सिंह ठीकरीवाला चौक की सुंदरता को ग्रहण लगता जा रहा है। यह चौक सही संभाल न होने के कारण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। फव्वारा चौक के फव्वारे पिछले काफी समय से...
पटियाला/रखड़ा(राणा) : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के जद्दी शाही शहर के प्रमुख फव्वारा चौक, लीला भवन और सेवा सिंह ठीकरीवाला चौक की सुंदरता को ग्रहण लगता जा रहा है। यह चौक सही संभाल न होने के कारण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। फव्वारा चौक के फव्वारे पिछले काफी समय से बंद पड़े हैं।
किसी समय यह तीनों ही चौक शहर की सुंदरता का प्रतीक थे परंतु आज इन चौकों की हालत दयनीय बन कर रह गई है। मुख्यमंत्री का शहर होने के कारण भी नगर निगम और प्रशासन इन चौकों की सुंदरता को बरकरार रखने में असफल रह रहे हैं। चौकों और सड़कों के किनारे लगे फव्वारे और लाइटें बंद होने से शाही शहर अपनी रौनक खोता जा रहा है, जिसके साथ शाही शहर में विकास के दावे ठुस्स नजर आ रहे हैं क्योंकि आज समूचे चौक खस्ता हालत में पड़े हैं, जिनकी हालत सुधरती नजर नहीं आ रही।
सरकार के 9 माह निकलने के बाद भी नहीं दिखी विकास की कार्रवाई
शाही शहर के अंदर मुख्यमंत्री पंजाब की तरफ से करोड़ों रुपए के साथ विकास करने की बातें की जा रही हैं परंतु सरकार के 9 महीने निकलने के बाद भी विकास दिखाई नहीं दे रहा। शाही शहर की सड़कों को भी ग्रहण लग कर रह गया है। जबकि शाही शहर सैर-सपाटे वाले शहरों में से एक जाना जाता है, जहां दूरदराज और विदेशों में बैठे लोग शाही शहर को देखने के लिए आते हैं क्योंकि यहां काफी ऐसी पुरातन इमारतें हैं जिनकी अपने आप में छवि देखने लायक बनती है।
सैलानी भी हुए कम
राजाओं-महाराजाओं के नाम के साथ प्रसिद्ध शाही शहर पटियाला की सुंदरता को ग्रहण लगने के कारण सैलानी आने भी कम हो गए हैं। शहरी निवासियों का भी मानना है कि सरकार सिर्फ दावे और वायदे करने लायक ही रह गई है और सी.एम. शाही शहर का होने के बावजूद कहीं विकास किया नजर नहीं आता और न ही भविष्य में कोई उम्मीद की किरण दिखाई देती है।
सेवा सिंह ठीकरीवाला चौक की हालत खराब
प्रजामंडल लहर के प्रमुख सेवा सिंह ठीकरीवाला ने समय की सरकारों के साथ लड़ाई लड़ी। उनके नाम पर पटियाला में एक अलग चौक सेवा सिंह ठीकरीवाला के नाम पर बनाया गया है और उनका यादगारी बुत भी स्थापित है जिसकी हालत बहुत बुरी हुई पड़ी है, जबकि उक्त बुत वाली जगह कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के मोती महल से कुछ दूरी पर स्थित है। जहां से रोज नगर निगम के अधिकारियों और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अपने मोती महल की ओर आना-जाना होता है फिर भी इस चौक की हालत खराब है।