Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 11:55 AM
पिछले लम्बे समय से भदरोआ स्थित पिपलां वाला मोहल्ला स्थित श्मशानघाट पर सेवा कर रहे बाबा की गत रात्रि को संदिग्ध अवस्था में जलने से मौत हो गई। लोगों को इसकी भनक रात को उस समय लगी जब श्मशानघाट की ओर जाते किसी व्यक्ति ने आवारा कुत्तों को एक अधजली वस्तु...
पठानकोट(आदित्य): पिछले लम्बे समय से भदरोआ स्थित पिपलां वाला मोहल्ला स्थित श्मशानघाट पर सेवा कर रहे बाबा की गत रात्रि को संदिग्ध अवस्था में जलने से मौत हो गई। लोगों को इसकी भनक रात को उस समय लगी जब श्मशानघाट की ओर जाते किसी व्यक्ति ने आवारा कुत्तों को एक अधजली वस्तु के पास मंडराते देखा।
इसके चलते पास जाकर देखने पर पता चला कि शव श्मशानघाट में रहने वाले बाबा की है, जिसकी पहचान हरीदास के रूप में हुई है। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। बाद में लोगों ने बाबा का दाह संस्कार किया।
जानकारी के अनुसार वृद्ध बाबा दिव्यांग था तथा उसे आंखों से भी कम दिखाई देता था। इस संबंध में श्मशानघाट कमेटी के प्रधान बी.डी.शर्मा, एम.सी. जुगल किशोर, एम.सी. विभूति शर्मा, पूर्व एम.सी. अजय कुमार, बाल कृष्ण, रवि महाजन, कर्मजीत सिंह, हरभजन सिंह, बलदेव सिंह, रमेश, शिंगारा सिंह ने संयुक्त तौर पर बताया कि बाबा हरीदास के आगे पीछे कोई नहीं था। पिछले लंबे समय से वह इसी श्मशानघाट में सेवा कर रहा था और यहीं रहता था।