8 माह से बेटे के कातिलों का सुराग ढूंढ रहा है पिता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 11:32 AM

murder case

बशीरपुरा से सटे कमल विहार में रहता जगदीश चंद्र अपने बेटे रजनीश डोगरा की मौत को लेकर पुलिस से इंसाफ मांग रहा है। हाथ में एक शिकायत की कॉपी, 21 साल के बेटे का डैथ सर्टीफिकेट और मन में सिर्फ  इतना कि कोई उसे बताए उसके बेटे की मौत कैसे हुई, मगर पुलिस...

जालंधर(मृदुल शर्मा): बशीरपुरा से सटे कमल विहार में रहता जगदीश चंद्र अपने बेटे रजनीश डोगरा की मौत को लेकर पुलिस से इंसाफ मांग रहा है। हाथ में एक शिकायत की कॉपी, 21 साल के बेटे का डैथ सर्टीफिकेट और मन में सिर्फ  इतना कि कोई उसे बताए उसके बेटे की मौत कैसे हुई, मगर पुलिस प्रशासन के पास जवाब है कि उनके बेटे की मौत रिक्शा के साथ टकराकर एक्सीडैंट होने से हुई है। 
 

पुलिस की कहानी झूठी तब निकली जब ‘पंजाब केसरी’ के हाथ उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लगी जिसमें निकला कि मृतक के शरीर पर 21 गंभीर घाव मिले जोकि बिल्कुल संदिग्ध हैं और रजनीश के कत्ल होने का शक जाहिर कर रहे हैं। जगदीश को चक्कर काटते करीब 8 महीने हो चले हैं, मगर अब तक कोई इंसाफ नहीं मिला है। उन्होंने शिकायत डी.जी.पी., पुलिस कमिश्नर और डी.सी.पी. राजिंद्र सिंह को पहले भी शिकायत दी, मगर सैंकड़ों शिकायतों में उनकी शिकायत भी दबकर रह गई। 

क्या था मामला 
जगदीश चंद्र ने ‘पंजाब केसरी’ से बातचीत में बताया कि 20 जून 2017 की रात को 12 बजे उसके किराएदार का फोन आया कि उनके बेटे रजनीश (21) का रेलवे अकाऊंट ऑफिस के पास हादसा हुआ है और वह बुरी तरह जख्मी हो गया है, आप जल्द जालंधर आ जाएं। वह उस वक्त अपनी पत्नी संतोष कुमारी के साथ हिमाचल के कांगड़ा शहर में थे और फोन आने पर जालंधर के लिए उसी वक्त निकल गए। उनकी जालंधर में फोटोस्टेट की दुकान है जोकि उनका बेटा ही संभालता था। घटना के बाद उनका किराएदार उसे पहले ही एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गया था जहां डॉक्टरों की ओर से जवाब देने पर वह उसे लुधियाना के डी.एम.सी. अस्पताल ले गया जहां से उसे पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया। 21 जून को करीब 1 बजे रजनीश ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 

चश्मदीद ने मौके-ए-वारदात पर देखे थे 5 युवक
मौके-ए-वारदात पर मौजूद किराएदार राकेश कुमार ने करीब 5 युवक घटना से करीब 200 मीटर की दूरी पर देखे थे जो बचाव करने की बजाय मौके से फरार हो गए, मगर पुलिस ने बातों में फंसाकर धारा-174 की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम करवा शव उनके हवाले कर दी। पुलिस ने उनकी शिकायत ठंडे बस्ते में डाल दी और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ  खानापूर्ति कर रही है। जिस रिक्शा वाले के साथ पुलिस ने टक्कर होने का दावा किया, वह खुद फरार है जिसके पुलिस ने बयान तक दर्ज नहीं किए और अब पुलिस को ही पता नहीं कि वह रिक्शा चालक कहां है।

 रजनीश के साथ पहले भी हुई थी मारपीट 
7 मई 2017 को कमल विहार के 2 युवकों ने रंजिश के तहत रजनीश को पीटा था और मारने की धमकी दी थी जिससे रजनीश खौफजदा रहने लगा था। जांच में सामने आए 2 युवकों का पुलिस ने कॉल डंप भी उठाया था, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं। 

रजनीश के साथ पहले भी हुई थी मारपीट 
जब रजनीश का कत्ल हुआ तो क्षेत्र के तत्कालीन एस.एच.ओ. प्रेम कुमार ने पीड़ित जगदीश को कहा था कि  आपके बेटे ने शराब बहुत पी हुई थी जिसके कारण हादसा हुआ लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निकला कि उसके बेटे के पेट में 150 मिलीग्राम जूस था न कि शराब। कई पुलिस अफसर इस बात के पीछे की सच्चाई जानते हैं और रजनीश के कत्ल की बात को मानते भी हैं, मगर केस की जांच कर रहे अफसर इस बात की पुष्टि करने से मना कर रहे हैं।  

सी.पी. को शिकायत के 2 महीने तक नहीं मिला डायरी नंबर
पुलिस की कारगुजारी इतनी ढीली कि सी.पी. को शिकायत देने 2 महीने पहले पहुंचे थे, मगर अब तक डायरी नंबर नहीं मिला। पुलिस की कार्यप्रणाली इतनी ढीली है कि सी.पी. को दोबारा  शिकायत के बारे में पूछने जाते हैं तो जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं कि इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई।  

 

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