Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Aug, 2017 02:45 PM
पंजाब में जहां एक तरफ राजनीतिक कड़वाहट कारण आपसी रिश्तों और भाईचारक सांझ में दरार आ रही है
मोगा (पवन ग्रोवर, गोपी): पंजाब में जहां एक तरफ राजनीतिक कड़वाहट कारण आपसी रिश्तों और भाईचारक सांझ में दरार आ रही है, वहीं पंजाब में कुछ ऐसे नेता भी हैं जो गिरगिट की तरह रंग बदलते देर नहीं लगाते। एेसे नेता अपने परिवार द्वारा पार्टी प्रति दिए गए बलिदान तक को भूल जाते हैं।
मोगा हलके अंदर भी ऐसी मिसाल उस समय देखने को मिली जब मौजूदा शिरोमणि कमेटी मैंबर हरिन्दर सिंह रणिया के सगे भाई दविन्दर सिंह रणिया ने आज कांग्रेस पार्टी का दामन पकड़ लिया।
इस संबंधित पत्रकारों से बातचीत करते रणिया ने कहा कि अकाली दल अब चापलूसों की पार्टी बन कर रह गई है जो भी वर्कर या नेता अपने बड़े राजनीतिक आकाओं की चापलूसी करता है उसे पार्टी सम्मान देती है जबकि पार्टी प्रति इमानदारी रखने वालों को दरकिनार कर दिया जाता है।
हरिन्दर तथा दविंदर सिंह रणिया स्व. मलकीत सिंह रणिया के सुपुत्र हैं और वह लम्बा समय शिरोमणि अकाली दल अमरीका के जनरल सचिव भी रहे हैं। रणिया ने बताया कि उन्होंने अमरीका में अपना कारोबार त्याग कर मोगा शहर में राजनीति शुरू की क्योंकि पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा ने उनके साथ यह वायदा किया था कि वह उन्हें पार्टी टिकट देंगे परन्तु टिकट तो दूर की बात पार्टी ने कोई पद तक उन्हें नहीं दिया।
अपने भाई द्वारा कांग्रेस में जानें के सवाल पर जब शिरोमणि समिति मैंबर जत्थेदार हरिन्दर सिंह रणिया के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वह अकाली दल के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं और यदि उनके भाई ने कोई फैसला लिया है तो वे उनसे कोई संबंध नहीं रखेंगे।
अक्सर अखबारों की सुर्खियों में रहने वाले हरिन्दर सिंह रणिया से पार्टी अंदर बढ़ रही चापलूसों की संख्या बारे सवाल करने पर उन्हें अपने भाई के बयान को नकारते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल में पार्टी वर्करों का पूरा सम्मान किया जाता है।