Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 03:28 PM
नगर निगम के जनरल हाऊस की मियाद बुधवार को खत्म हो गई। उससे पहले कांग्रेस सरकार ने चुनाव नहीं करवाए, जिस कारण अब नया
लुधियाना(हितेश): नगर निगम के जनरल हाऊस की मियाद बुधवार को खत्म हो गई। उससे पहले कांग्रेस सरकार ने चुनाव नहीं करवाए, जिस कारण अब नया मेयर बनने तक कमिश्नर को प्रशासक के तौर पर डैजीगनेट किया जाएगा क्योंकि आधिकारिक तौर पर पार्षद भी अब निगम के काम में कोई दखल नहीं दे सकते और निचले अफसरों को मनमर्जी करने से रोकने वाला कोई नहीं रहेगा।
पहले एडवांस चुनाव होने कारण विकास प्रताप रह चुके हैं प्रशासक
2007 में अकाली दल की सरकार बनने पर एडवांस में जनरल हाऊस भंग करके चुनाव करवा लिए गए थे लेकिन नए सिरे से जनरल हाऊस का गठन मियाद पूरी होने पर ही किया गया। उस समय के दौरान कमिश्नर विकास प्रताप ने प्रशासक के तौर पर काम किया। जिनके द्वारा फैसले लेने के लिए बकायदा अफसरों की कमेटी बनाई गई थी।
सिद्धू के ऐलानों को खोखला बताने के बाद फिर खुद ही लगाई मोहर
गत दिनों लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू ने महानगर में होने वाले विकास कार्यों के लिए जो 3500 करोड़ से ज्यादा के ऐलान किए थे, उन पर मेयर ने यह कहकर सवाल खड़े किए थे कि काफी प्रोजैक्ट पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय पास हुए थे और उनके लिए केन्द्र से ग्रांट मिलनी है। इसी तरह मेयर ने फंड का कोई अता-पता न होने कारण सिद्धू के ऐलानों को खोखला बताया था। इसके जवाब में कांग्रेस ने मेयर को ही फेल बताते हुए उनके कार्यकाल में हुई धांधलियों को लेकर केस दर्ज करवाने का ऐलान कर दिया।
स्मार्ट सिटी में जगह मिलने के बावजूद शुरू नहीं हो पाया एक भी काम
लुधियाना को मोदी के स्मार्ट सिटी मिशन के लिए चुने गए 100 शहरों के अलावा पहले साल ग्रांट लेने वाले 20 शहरों में जगह मिली हुई है। भले ही मेयर ने इसका क्रैडिट लेने की कोशिश की। लेकिन असलियत यह है कि यह सफलता पब्लिक की भागीदारी की वजह से मिली है। इसके तहत फंड जारी होने के बावजूद अब तक ग्राऊंड लेवल पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया। जिसकी वजह यह रही कि सर्वे करके डी.पी.आर. बनाने में ही काफी समय लगा दिया गया, उसके बाद टैंडर लगाने के लिए सरकार से मंजूरी लेने की भी एक लंबी प्रक्रिया है।