Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 11:23 AM
लम्बे समय से मांगों का हल न होता देख मिड-डे मील मुलाजिमों और वर्करों के सब्र का बांध टूट गया, जिसके परिणामस्वरूप मुलाजिमों और वर्करों ने डैमोक्रेटिक मुलाजिम फैडरेशन पंजाब (डी.एम.एफ.) के सहयोग से सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इस...
पटियाला (बलजिन्द्र, जोसन): लम्बे समय से मांगों का हल न होता देख मिड-डे मील मुलाजिमों और वर्करों के सब्र का बांध टूट गया, जिसके परिणामस्वरूप मुलाजिमों और वर्करों ने डैमोक्रेटिक मुलाजिम फैडरेशन पंजाब (डी.एम.एफ.) के सहयोग से सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इस दौरान 12 अगस्त को पटियाला में जिला स्तरीय धरने देने का फैसला लिया गया।
नेहरू पार्क में हुई मीटिंग में मिड-डे मील दफ्तरी मुलाजिमों व कुक वर्करों के प्रांतीय नेता प्रवीण शर्मा जोगीपुर, डी.एम.एफ. नेता विक्रम देव सिंह और देश राज ने सांझे रूप में बयान जारी करते हुए बताया कि सरकार लम्बे समय से इन मुलाजिमों और कुक वर्करों के साथ सौतेली मां वाला व्यवहार कर रही है।
साल 2009 से मिड-डे मील के अंतर्गत काम करते हुए मुलाजिम सेवा-नियमों के मुताबिक लिखित टैस्ट और मैरिट के आधार पर भर्ती किए गए थे, परंतु फिर भी सरकार इन मुलाजिमों को 3 साल की सेवा के बाद रैगुलर करने की सरकारी नीति के अंतर्गत रैगुलर करने और मिलती कम तनख्वाह में विस्तार करने से टाल-मटोल कर रही है। मिड-डे मील कुक वर्करों को 1200 रुपए मासिक तनख्वाह में केवल 500 रुपए की वृद्धि करके भद्दा मजाक किया गया है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में इन कुक वर्करों को 2500 रुपए, केरल में 6000 रुपए, तमिलनाडु में 7500 रुपए, लक्षद्वीप और पुड्डुचेरी में 9000 रुपए प्रति माह तक मानभत्ता दिया जा रहा है।