Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 12:11 PM
एक तरफ जहां आंगनबाड़ी सैंटरों को चलाने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं
जलालाबाद (सेतिया): एक तरफ जहां आंगनबाड़ी सैंटरों को चलाने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, वहीं इन सैंटरों में बच्चों की संभाल में सामने आ रही कोताही बच्चों की सुरक्षा को सवालों के घेरे में लाई है, जिसकी मिसाल शहर के साथ लगती बस्ती बल्लूआना में देखने को मिलती है। जहां सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में चल रहे आंगनबाड़ी सैंटर में संबंधित वर्कर के बीते 4-5 दिनों से गैर-हाजिर रहने के ओरोप पंचायत द्वारा लगाए गए हैं।
पंचायत का कहना है कि संबंधित वर्कर राजनीतिक रौब दिखा कर बच्चों की सांभ-संभाल में लापरवाही कर रही है।आज जब पंचायत की मौजूदगी में आंगनबाड़ी सैंटर का दौरा किया गया तो वर्कर सतनाम कौर सैंटर में मौजूद नहीं थी और इस संबंधी जब मौजूद हैल्पर सुनीता रानी को पूछा गया कि वर्कर कितने दिनों से नहीं आ रही तो उसने भी वर्कर का ही पक्ष लिया और 10 अगस्त की जरूरी काम की एप्लीकेशन दिखा दी, जबकि 11 अगस्त की छुट्टी संबंधी कोई विवरण नहीं था, परन्तु जब हाजिरी रजिस्टर संबंधी पूछा गया तो उसने कहा कि हाजिरी रजिस्टर तो वर्कर के घर ही होता है। अब इस बात का अंदाजा आसानी से ही लगाया जा सकता है कि किस तरह वर्करों द्वारा घर बैठे ही अपनी और बच्चों की हाजिरी लगाई जा रही है।
उधर इस संबंधी पंचायत के सरपंच दुली चंद, गुरजंट सिंह, आसाराम, राजेश कुमार, पूर्ण सिंह ने मौके पर बताया कि आम बच्चों के अभिभावकों ने बताया है कि जब वे बच्चों को सैंटर में छोडऩे आते हैं तो वर्कर मौजूद नहीं होती और यह सिलसिला 4-5 दिनों से चल रहा है। आंगनबाड़ी सैंटर को चलाने की जिम्मेदारी वर्कर की है और वर्कर द्वारा ही बच्चों की सांभ-संभाल में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि सैंटर में बाथरूम को स्टोर बना दिया गया है, जबकि सप्लाई को जानबूझ कर बंद किया गया है। पंचायत किसी भी कीमत में बच्चों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी।
दोषी पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई इस संबंधी जब ए.सी.डी.पी.ई.ओ. अमरजीत कौर के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा उनके पास आंगनबाड़ी सैंटर में लापरवाही का मामला आया है और इसकी पूरी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।