Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 03:26 PM
पंजाब के मालवा क्षेत्र में डेरा सिरसा मुखी को दोषी ठहराए जाने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले डेरे के कट्टर समर्थक दूनी चंद और रणजीत सिंह को जिला संगरूर पुलिस ने काबू किया है।
संगरूर(कोहली/बेदी): पंजाब के मालवा क्षेत्र में डेरा सिरसा मुखी को दोषी ठहराए जाने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले डेरे के कट्टर समर्थक दूनी चंद और रणजीत सिंह को जिला संगरूर पुलिस ने काबू किया है।
डेरा सिरसा विवाद दौरान डेरा समर्थकों की तरफ से हिंसा भड़कानें की वारदातों के मामले में अब तक हलके से 59 दोषी गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनसे 22 मोटरसाईकिल, 3 कारें/जीप और 1 लाख 70 हज़ार की नकदी बरामद की गई है।
एस.एस.पी. मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि डेरा विवाद के चलते डेरा समर्थकों की तरफ से हलके में अलग -अलग स्थानों पर सरकारी मशीनरी को फूंकने की घटनाओं के संबंध में 14 केस दर्ज किए गए थे। पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई दौरान इन घटनाओं के साजिशकर्ता दूनी चंद निवासी शेरपुर को एक कार समेत काबू करके उस से 1 लाख 70 हजार नगद, लाल मिर्ची तथा डेरो से संबंधित लिटरेचर कब्ज़े में लिया गया है।
सिद्धू ने बताया कि पूछताछ दौरान दूनी चंद ने बताया कि दिड़बा के सतपाल टोनी का भाई रकेश कुमार पिछले लंबे समय से सिरसा डेरो में सात ब्रह्मचारी के तौर पर रह रहा है और डेरा प्रमुख के शुभ चिंतकों में से खास हैं। रकेश कुमार ने ही पंजाब में हिंसा भड़काने के लिए 8 व्यक्तियों की नियुक्ति की थी जिनमें दूनी चंद शेरपुर, मेजर सिंह ख्याला (मानसा), बलविन्दर सिंह बठिंडा, पृथ्वी चंद बाघा पुराना, गुरदेव सिंह बठिंडा, महेन्दरपाल सिंह कोटकपूरा, गुरदास सिंह कोट भाई बठिंडा और गुरजीत सिंह मोगा का चयन कर इस ग्रुप को टीम ए का नाम दिया तथा खुद रकेश कुमार इस टीम का इंचार्ज बना और इस टीम का मुख्य मंतव्य डेरे प्रमुख खिलाफ फैसला आने पर पंजाब में हिंसा फैलाना था।