Edited By Updated: 19 Jan, 2017 09:29 AM
एक दिन पहले नामांकन-पत्र दायर करते समय कई उम्मीदवारों द्वारा किए गए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ
जालंधर (अमित): एक दिन पहले नामांकन-पत्र दायर करते समय कई उम्मीदवारों द्वारा किए गए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन काफी कड़े इंतजाम किए गए, मगर फिर भी कुछ उम्मीदवार नहीं माने और उन्होंने अपने समर्थकों के साथ आर.ओ. दफ्तर के बाहर जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। पुडा दफ्तर के बाहर सैंकड़ों की गिनती में अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने खूब ढोल-बाजे बजाए और लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल कर अपने-अपने पक्ष में प्रचार किया। नामांकन पत्र दायर करने की खुशी में बहुत से उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की तरफ से भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता को लेकर जारी हिदायतों तक का पालन नहीं किया गया।
डी.ए.सी. में किए पुख्ता प्रबंध, लेकिन पुडा दफ्तर के बाहर करने से चूके
प्रशासन की तरफ से जहां 3 विधानसभा हलकों के अंदर-बाहर जाने वाले सारे रास्तों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, वहीं दूसरी तरफ डी.ए.सी. के बिल्कुल ठीक सामने पुडा दफ्तर में स्थित विधानसभा हलका 34 जालंधर वैस्ट (एस.सी.) के लिए रिटॄनग अधिकारी सी.ए. पुडा हरबीर सिंह के पास नामांकन जमा करवाने के लिए आने वालों को 100 मीटर दायरे से पहले रोकने के लिए कोई प्रबंध ही नहीं किया गया था। जाने-अनजाने हुई इस चूक के कारण चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण हिदायत, जिसमें आर.ओ. दफ्तर के 100 मीटर के दायरे में केवल 3 वाहनों के साथ आना, कोई ढोल-बाजा न बजाना, किसी प्रकार के लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल न करने का खुलकर उल्लंघन किया गया।
भीड़ कंट्रोल करना हुई मुश्किल, धक्का-मुक्की में पुलिस अधिकारी की नेम प्लेट टूटी
पुडा दफ्तर के बाहर उस समय बेहद अजीब स्थिति देखने को मिली जब वैस्ट से अकाली-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार महिंद्र भगत अपने समर्थकों के काफिले के साथ नामांकन-पत्र दाखिल करने पहुंचे। उनके साथ आई गाडिय़ों और समर्थकों की गिनती इतनी अधिक थी कि पुलिस कर्मचारियों से भी भीड़ को कंट्रोल करना काफी मुश्किल साबित हो रहा था और पुलिस कर्मचारियों को काफी मशक्कत तक करनी पड़ी, क्योंकि बहुत से समर्थक किसी भी तरह से आर.ओ. के दफ्तर में घुसना चाहते थे। मगर पूरी तरह से मुस्तैद खड़े पुलिस वालों ने किसी को भी अंदर जाने की अनुमति प्रदान नहीं की। इस बीच समर्थकों की तरफ से काफी धक्का-मुक्की भी गई, जिसमें एक पुलिस अधिकारी की वर्दी पर लगी उनकी नेम-प्लेट तक टूट गई।