Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 05:09 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में सरकार ने सूबे में बायोगैस और बायो-सी.एन.जी. प्लांटों की स्थापना के लिए भारतीय तेल निगम (आई.ओ.सी.) लिमटड के साथ समझौता(एम.ओ.यू.) किया।
चंडीगढ़/जालंधर(शर्मा/धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की उपस्थिति में राज्य सरकार ने आज इंडियन आयल कार्पोरेशन के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए, जिससे बायोगैस व बायो सी.एन.जी. प्लांट स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे राज्य में पराली जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषण रोकने पर भी मदद मिलेगी।
पराली से वातावरण काफी प्रदूषित हो रहा था। यह समझौता इंडियन आयल कार्पोरेशन (आई.ओ.सी. ) तथा पंजाब ब्यूरो आफ इंडस्ट्रियल प्रमोशन तथा पंजाब एनर्जी डिवैल्पमैंट एजैंसी के बीच हुआ है। राज्य सरकार द्वारा समझौता होने के बाद अब आई.ओ.सी. को अपनी ओर से सरकारी क्लीयरैंस व प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इन प्लांटों को स्थापित करने पर कुल 5000 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी तथा इससे लगभग 4000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा। पहले चरण में 2018 में प्रोजैक्ट के तहत 42 प्लांट स्थापित किए जाएंगे तथा अगले 3-4 वर्षों में इन प्लांटों की गिनती 400 तक पहुंच जाएगी। देश में यह सबसे बड़ा प्रोजैक्ट सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने देहाती क्षेत्रों में बेरोजगार नौजवानों पर आधारित सोसाइटियां स्थापित करने पर जोर देते हुए कहा कि इन सोसाइटियों को प्रस्तावित यूनिट बनाने दिए जाने चाहिएं। आई.ओ.सी. के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सुझाव पर अपनी सहमति दी।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में प्लाट स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी जोकि रा'य सरकार की 2017 की नई औद्योगिक नीति के तहत होगी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्ष बायोगैस/बायो सी.एन.जी. व बायो प्रैस्टीसाइड्स पर टैक्सों में कटौती करने की संभावनाओं का पता लगाएंगे।किसानों को आर्गेनिक खेती की तरफ अग्रसर किया जाएगा। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने सुझाव दिया कि आई.ओ.सी. को एक नोडल अधिकारी रा'य सरकार को उपलब्ध करवाना चाहिए।