Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 11:31 AM
धुंध व धुएं से पैदा हुए दूषित वातावरण से जहां सूर्य देवता के दर्शन दुर्लभ हो रहे हैं, वहीं इससे लोग भी अनेक परेशानियों से जूझ रहे हैं। सोमवार से स्मॉग के जोर पकडऩे से आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है।
संगरूर (विवेक सिंधवानी, यादविन्द्र): धुंध व धुएं से पैदा हुए दूषित वातावरण से जहां सूर्य देवता के दर्शन दुर्लभ हो रहे हैं, वहीं इससे लोग भी अनेक परेशानियों से जूझ रहे हैं। सोमवार से स्मॉग के जोर पकडऩे से आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है। स्मॉग का दोपहर तक इतना असर रहा कि सुबह 9 बजे तक 5 फुट की दूरी पर भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। जहां स्मॉग ने जीवन की रफ्तार को धीमा करके रख दिया है, वहीं वाहन भी सड़कों पर धीमी चाल चलते नजर आए।
पराली के जलने से पैदा हुआ स्मॉग
मौजूदा मौसम में हुई तबदीली के लिए खेतों में जलाई गई पराली मुख्य कारण है व पराली जलने से कई तरह की हानिकारक गैसें पैदा हो गईं हैं। इसके चलते दूषित हवा से स्मॉग पैदा हो रहा है।
जीरो फीसदी रही विजीबिलिटी
वातावरण में फैले विषैले धुएं ने स्मॉग का रूप धारण कर लिया है, जो कई खतरनाक बीमारियों को जन्म दे रहा है। स्मॉग से यातायात प्रभावित होने से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मौसम माहिरों अनुसार स्मॉग के कारण विजीबिलिटी जीरो फीसदी रही। मंगलवार को सूर्य देवता 6.48 मिनट पर निकले व साढ़े 9 बजे तक स्मॉग की चादर फैली रही। वातावरण में 35 फीसदी तक की नमी की मात्रा थी। मंगलवार का तापमान 13 डिग्री न्यूनतम व 32 डिग्री अधिकतम सैल्सियस नोट किया गया।