Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 02:43 PM
डिजीटल जमाने में जहां सरकार की ओर से हर सरकारी विभाग की बिल्डिंग को नए रूप देने के दावे किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर रणजीत सागर बांध परियोजना के अधीन पड़ते शाहपुरकंडी डाकघर की हालत बद से बदतर बनी हुई है, जोकि लगभग 30 वर्ष पुरानी है।
जुगियाल (शर्मा): डिजीटल जमाने में जहां सरकार की ओर से हर सरकारी विभाग की बिल्डिंग को नए रूप देने के दावे किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर रणजीत सागर बांध परियोजना के अधीन पड़ते शाहपुरकंडी डाकघर की हालत बद से बदतर बनी हुई है, जोकि लगभग 30 वर्ष पुरानी है।
इस संबंधी रोष व्यक्त करते हुए डाकघर के पोस्टमास्टर नरिन्द्र पाल, सुखदेव राज, पूजा वर्मा, शेर सिंह, मदन गोपाल, अशोक कुमार व रिंका सैनी ने बताया कि डाकघर की इमारत काफी पुरानी होने के चलते हर समय किसी भी अप्रिय घटना के घटित होने का भय बना रहता है। अभी कुछ माह पहले ही इस बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से से प्लस्तर का एक बड़ा हिस्सा टूट के नीचे आ गिरा था, जिससे कोई जानी नुक्सान तो नहीं हुआ परन्तु डाकघर के कर्मचारियों के दोपहिया वाहनों को काफी क्षति पहुंची थी।
डाकघर में नहीं हैं सुविधाएं
लोगों ने बताया कि बिल्डिंग का ऊपरी हिस्सा तो पूरी तरह कंडम हो चुका है। इसके साथ ही डाकघर के अंदर भी कई स्थानों से छतों से प्लस्तर टूट कर गिरता रहता है। पोस्टमास्टर नरिन्द्र पाल ने बताया कि आसपास के लगभग 25 के करीब गांवों व पूरी आर.एस.डी. कालोनी सहित सरकारी कार्यालयों को एकमात्र यही डाकघर पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस डाकघर की इमारत पुरानी होने के साथ न तो यहां लोगों के लिए पीने के पानी की कोई सुविधा है और न ही शौचालय की। इसके अलावा जो स्टाफ के लिए शौचालय है उसकी हालत काफी दयनीय है और वहां पर पानी की भी कोई सुविधा नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर डाकघर में ग्राहकों की कभी ज्यादा भीड़ हो तो उपभोक्ताओं की लाइनें सड़क तक चली जाती हैं, जिसका मुख्य कारण डाकघर के अंदर और बाहर उपभोक्ताओं के लिए जगह का कम होना है। इसके अलावा डाकघर की अपनी पार्किंग नहीं है, जिसके चलते लोग सड़क के बीचों-बीच ही अपने वाहन लगाकर काम करने लग जाते हैं।
उन्होंने बताया कि यह बिल्डिंग पुरानी होने व अन्य मूलभूत सुविधाएं न होने के चलते डाकघर को कहीं और शिफ्ट करने तथा अन्य समस्याओं को लेकर कई बार लिखित रूप में बांध प्रशासन को इसकी शिकायत दी जा चुकी है परंतु मात्र आश्वासनों के सिवाय अभी तक और कुछ नहीं मिला। उन्होंने डैम प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द इस डाकघर को किसी ओर स्थान पर शिफ्ट किया जाए या फिर इसकी पूर्ण रूप में रिपेयर करवाई जाए।
फंड आते ही डाकघर की रिपेयर जरूर करवा देंगे : सुधीर गुप्ता
जब निगरान अभियंता सुधीर गुप्ता से बात की गई तो सबसे पहले फंडों की कमी की बात कही। उन्होंने माना कि डाकघर की बिल्डिंग पुरानी है, परन्तु फंड आते ही इसकी रिपेयर जरूर करवा दी जाएगी।