किसानों का विरोध करने के बाद मीडिया के सामने आए हंसराज हंस, कही ये बातें

Edited By Urmila,Updated: 12 Apr, 2024 04:11 PM

after protesting against the farmers hansraj hans came in front

भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए किसान बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध कर रहे हैं।

फरीदकोट: भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए किसान बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी के तहत फरीदकोट से बीजेपी उम्मीदवार हंस राज हंस का भी किसानों ने विरोध किया। इसके बाद हंसराज हंस मीडिया सामने आए और इस मुद्दे पर खुलकर बात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं और वह उनके मुद्दों को जल्द सुलझाने की कोशिश करेंगे। किसान अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं लेकिन उनकी हाथ जोड़कर विनती है कि वे अपनी बात जरूर कहें लेकिन हिंसक न हों। उन्होंने कहा कि आप अपनी बात जरूर कहें लेकिन प्यार का दामन न छोड़ें।

उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों का समाधान बातचीत से ही हो सकता है। इस प्रकार क्रोध से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होने वाला। पूर्वजों और गुरुओं ने प्रेम करना सिखाया है और प्रेम ही करना चाहिए। हंसराज हंस ने कहा कि किसानों के मुद्दे जायज हैं, वे समाधान के लिए दिल्ली छोड़कर यहां आये हैं। वह लगातार किसानों के हक की बात करते रहे हैं। किसान उनका यूट्यूब चेक करें कि पहले आंदोलन से लेकर अब तक उनकी क्या भूमिका रही है।  किसान ही बताएं कि पहले आंदोलन से लेकर अब तक अगर मुझसे कोई बदतमीजी हुई है या उन्होंने किसी पार्टी की कोई अतिरिक्त चम्मचागिरी की है तो वह आपके गुनहगार हैं। वह किसानों की आवाज बुलंद करते रहे हैं।  

हंसराज हंस ने कहा कि वह दिल्ली से जीते थे। वह वजीर भी बन सकते थे उन्होंने किसानों के पक्ष में आवाज उठाई। जो बड़े-बड़े किसानों से जुड़े वजीर थे, उन्होंने आपकी आवाज वहां तक ​​ठीक से नहीं पहुंचाई। ये अम्बाला तक और बातें करते हैं और अम्बाला पार करते ही चम्मचागिरी करने लग पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि वह एक खेत मजदूर के बेटे हैं, उस रिश्ते को देखते हुए वह पहले आंदोलन में भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी कि वह किसानों और प्रधानमंत्री जी की मुलाकात करवाते हैं।

फिर भी पहली बार कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राजेवाल साहब से बात हुई। फिर उन्होंने अलग-अलग चैनलों पर उनके इंटरव्यू करवाए। उन्होंने किसानों से कहा कि वे जांच तो करे कि इस व्यक्ति का किरदार क्या है, हर एक को एक रस्सी से पार न करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि नीतियों का विरोध जरूर करें, लेकिन गुस्सा न करें। राजेवाल साहब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उम्मीदवार का विरोध मत करो बल्कि उनसे 10-12 सवाल पूछें।

आपको बता दें कि फरीदकोट में केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगें न मानने से नाराज किसान संगठन 'संयुक्त किसान मोर्चा' के नेतृत्व में हंसराज हंस का विरोध प्रदर्शन किया। फरीदकोट कोटकपूरा हाईवे पर शाही हवेली के पास बड़ी संख्या में एकत्रित होकर भाजपा फरीदकोट लोकसभा प्रत्याशी हंसराज हंस के खिलाफ विरोध में उतरे किसानों ने काले झंडे दिखा कर विरोध किया। किसानों ने हंसराज हंस की गाड़ी घेरने की कोशिश की। हंसराज हंस पार्टी वर्करों से बैठक करने पहुंचे थे। पुलिस ने किसानों को बैठक वाली जगह के बाहर ही रोका। इस दौरान पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। 

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