जान जोखिम में डाल नहरों में मौत की छलांग लगाते हैं युवा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jun, 2017 12:27 PM

young people leap into death in risked canals

पारा चढने व प्रचंड गर्मी के शिखरों को छूते ही जनता, विशेषकर युवा वर्ग, ने दरियाओं की ओर रुख कर लिया है। नगर से सटे दरियाओं व नहरों में दोपहर के समय गर्मी से निजात पाने के लिए छलांग पर छलांग लगाई जा रही है । जोश से लबरेज युवा इस तथ्य को संभवत: नहीं...

पठानकोट (शारदा): पारा चढने व प्रचंड गर्मी के शिखरों को छूते ही जनता, विशेषकर युवा वर्ग, ने दरियाओं की ओर रुख कर लिया है। नगर से सटे दरियाओं व नहरों में दोपहर के समय गर्मी से निजात पाने के लिए छलांग पर छलांग लगाई जा रही है । जोश से लबरेज युवा इस तथ्य को संभवत: नहीं समझते कि कहीं गर्मी से आंशिक राहत दिलाने के लिए उनके द्वारा गहरे पानी में लगाई गई छलांग जानलेवा न साबित हो जाए। हर साल नहरों व दरियाओं में नहाते समय हादसे होने से कई युवा काल का ग्रास बन जाते हैं। प्रशासन द्वारा इस संबंध में कड़ा संज्ञान लेने व आवश्यक हिदायतें जारी करने के बावजूद नहरों के पुलों पर हर रोज अनेक युवा मौत के इस खेल को खेलते हैं।

प्रशासन ने नहीं जारी किए नहरों में नहाने पर पाबंदी के निर्देश
नहरों व दरियाओं में नहाना व कूदना मना है। हर वर्ष प्रशासन नदियों व नालों के आसपास नहाने वालों को रोकने के लिए प्रतिबंध हेतु निर्देश जारी करता है लेकिन इस बार अभी तक प्रशासन ने कोई मुनादी नहीं करवाई और न ही कोई निर्देश जारी किए हैं।

नहर विभाग के अधिकारी भी लापरवाह
जिले में बड़ी नहरों पर हर रोज सैंकड़ों युवाओं को नहाने से रोकने के लिए नहरी विभाग के प्रबंध कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। नहर में नहा रहे इन युवाओं को रोका नहीं जा रहा और न ही इसकी शिकायत पुलिस को की जा रही है। पुलिस तभी कार्रवाई कर सकती है, जब विभाग लिखित में शिकायत दे। नहरी विभाग के अधिकारी खुद मानते हैं कि वे युवाओं को नहर में नहाने से नहीं रोक पा रहे, हालांकि उनका यह तर्क  जरूर है कि बड़ी नहरों की बजाय वे माइनर व छोटी नहरों में नहाएं। विभाग की ओर से खतरनाक नहर के समीप किसी तरह की कोई रस्सी या फिर तार नहीं लगाई गई ताकि नहर में डूबते समय वे एक छोर से दूसरे छोर तक लगाई गई रस्सी या तार के जरिए बच सकते हैं।

इस मौत के खेल प्रति अभी तक न तो प्रशासन जाग पाया है और नहीं अभिभावक चेत पाए हैं कि उनके लाडले दोपहर में कहां जा रहे हैं? चक्की खड्ड व रावी दरिया से निकलने वाली यू.बी.डी.सी. नहर की शाखाओं में स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और युवा इन गहरी नदियों में नहाने पहुंचते हैं। इनमें से कई तो ऐसे होते हैं जिन्हें तैरना तक नहीं आता। अभी 3 माह पूर्व चक्की खड्ड में एक युवा डूब गया था जो अपने साथी के साथ घर से नहाने व गर्मी से राहत पाने निकला था।

लोगों ने की सुरक्षा की बात
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नदी के आसपास पुलिस एवं होमगार्ड के जवान तैनात किए जाने की मांग की। वर्ष 2016 में भी 2 स्कूली बच्चे नहाते समय डूब गए थे और इस वर्ष 2017 में भी 2 स्कूली बच्चे पानी की भेंट चढ़ गए। उल्लेखनीय है कि इन दिनों सैंकड़ों स्कूली बच्चे और युवा स्कूल, कालेज से बंक मार कर या छुट्टी के बाद सीधे पठानकोट के आसपास की नदियों का रुख करने लगे हैं जिससे इन युवाओं की जान कभी भी खतरे में पड़ सकती है। नहरों व दरियाओं में नहाने से युवाओं को रोकने हेतु सरकारी आदेश जारी न किए जाने के संबंध जब जिला उपायुक्त के फोन नंबर 95017-35342 पर बार बार सम्पर्क  किया गया तो उनसे सम्पर्क  नहीं हो पाया।
 

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