‘भुक्की, अफीम तो हुए बंद, पुलिस कब दिलाएगी चिट्टे से निजात’

Edited By swetha,Updated: 12 Jul, 2018 11:06 AM

young man died due to drugs

जिला बरनाला के गांव महलखुर्द में नशे की ओवरडोज से हुई 2 युवकों की मौत के बाद मृतकों के घरों व गांव में सन्नाटा छाया हुआ है। हर गांव वासी युवकों के भविष्य को लेकर फिक्रमंद  दिखाई दे रहा है। पंजाब केसरी की टीम द्वारा पीड़ित युवकों के घर की दशा जानने के...

बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): जिला बरनाला के गांव महलखुर्द में नशे की ओवरडोज से हुई 2 युवकों की मौत के बाद मृतकों के घरों व गांव में सन्नाटा छाया हुआ है। हर गांव वासी युवकों के भविष्य को लेकर फिक्रमंद  दिखाई दे रहा है। पंजाब केसरी की टीम द्वारा पीड़ित युवकों के घर की दशा जानने के लिए उनके घर का दौरा किया गया तो युवकों के घरों में भारी शोक की लहर थी।  दोनों युवक जसविन्द्र सिंह व सुखदीप सिंह घर वालों के इकलौते पुत्र थे।  जसविन्द्र सिंह की एक बहन है जो अविवाहित है जबकि सुखदीप सिंह की 2 बहनें हैं। गांव वासियों ने नशों प्रति अपनी भड़ास निकाली व पुलिस  प्रशासन पर आरोप लगाते कहा कि वे नशा तस्करों पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं ला रहे ।

हमारा तो घर ही उजड़ गया

सुखदीप सिंह की माता अमरजीत कौर ने कहा कि जब सुखदीप छोटा सा होता था उस समय सुखदीप के पिता की मौत हो गई थी। मैंने उसको बड़ी मुश्किल से पाला था। बड़े चाव से उसका विवाह किया। वह नशे की दलदल में फंस गया।चार महीने पहले उसका सरकारी अस्पताल में से इलाज करवाया। अब वह बिल्कुल ठीक था परंतु गत रात हमें पता लगा कि उसकी मौत नशे की ओवरडोज से हुई है। हमारा तो घर ही उजड़ गया क्योंकि घर में इकलौता ही पुत्र था, दो बहनें थी जिनका विवाह हो चुका है। PunjabKesari

घटना के बाद से ही मृतक की पत्नी है बेसुध 

जसविन्द्र सिंह की मौत होने के बाद से ही उसकी पत्नी कमल कौर बेसुध पड़ी है। उसकी सास मनदीप कौर ने बताया कि जब से यह घटना हुई है वह बेसुध पड़ी है। इसका डाक्टरी इलाज चल रहा है। जब पंजाब केसरी की टीम ने कमल कौर से बातचीत करने की कोशिश की तो उसको कोई सुध नहीं थी। वह  बातचीत करने में असमर्थ थी। 

समीपी गांव का एक व्यक्ति बेचने आता है नशा, पुलिस करे उसके विरुद्ध कत्ल का केस दर्ज 

गांव वासी रफीक मोहम्मद ने कहा कि समीपी गांव का एक व्यक्ति हमारे गांव में नशा बेचने के लिए आता है। पुलिस को हम इस संबंधी सूचना देने को तैयार हैं। संगरूर जिले के  समीपी कस्बे में भी नशे का धंधा जोरों पर है। दूर-दूर से लोग वहां नशा लेने के लिए आते हैं। पुलिस इन नशा तस्करों विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाए ताकि युवा पीढ़ी नशे की दलदल से निकल सके। 

पुलिस मृतकों की निकालवा रही है काल डिटेल

जब एस.एस.पी. हरजीत सिंह को बताया गया कि गांव वासियों का कहना है कि एक समीपी गांव का व्यक्ति गांव में नशा बेचने के लिए आता है और पुलिस उसके विरुद्ध कार्रवाई करे तो एस.एस.पी. ने कहा कि पुलिस द्वारा मृतकों की फोन काल डिटेल निकलवाई जा रही है कि वह किस किस व्यक्ति के संपर्क में थे, कल गांव में डी.एस.पी. भी गए थे। हमें इस संबंधी गांव वासियों ने कुछ नहीं बताया फिर भी इस संबंधी दोबारा जांच करवा लेता हूं। यदि किसी व्यक्ति द्वारा नशा बेचने की बात सामने आती है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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चिट्टे को रोकने केलिए नहीं उठाए जा रहे कोई कदम  

गांव के बुजुर्ग जरनैल सिंह बलदेव सिंह तारा सिंह ने कहा कि पहले पुराने जमाने में लोग भुक्की व अफीम का नशा करते थे। वह यह नशा करके खेतों में काम करते थे। पुलिस ने यह नशे तो बंद करवा दिए परंतु चिट्टे को रोकने के लिए उसके द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। जिस कारण युवक मौत के मुंह में जा रहे हैं।

हमारा विवाह करने के लिए ही हमारे भाई ने चढ़ाया अपने सिर कर्जा

मृतक सुखदीप सिंह की बहनें कुलदीप कौर व सर्वजीत कौर ने कहा कि हमारे भाई ने हम दोनों बहनों की शादी बड़े अच्छे ढंग से की थी,जिसके लिए उसने अपने सिर कर्जा चढ़ा लिया। जिसका वह बोझ मानता था हमने उसको बहुत समझाया कि वह किसी बात की ङ्क्षचता न करे परंतु वह कहता था कि मेरे पर कर्जे का बोझ है, इसी कारण ही मैं नशा करता हूं लेकिन पता नहीं उसने कौन सा नशा किया जिस कारण उसकी मौत हो गई। इस नामुराद नशे ने तो हम से हमारा भाई ही छीन लिया। 

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गांव के 40-50 युवक करते हैं नशा, हमें उनके भविष्य की चिंता 

 बातचीत करते चमकौर सिंह ने कहा कि गांव के 40-50 और युवक नशा करते हैं अब हमें उनके भविष्य की ङ्क्षचता सता रही है। कभी ये युवक श्मशानघाटों पर जाकर बैठते हैं कभी कहीं और खाली जगह पर नशा बेचने वाले तस्कर सरेआम गांव में नशा बेचकर जाते हैं। पुलिस उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रही। 

जमीन नहीं है प्राइवेट फैक्टरी में नौकरी करके चलाता हूं बड़ी मुश्किल से घर का गुजारा  

जसविन्द्र सिंह के पिता जगराज सिंह ने कहा कि प्राइवेट फैक्टरी में नौकरी करता हूं। हमारे पास कोई जमीन नहीं है। मेरा बेटा ट्रक चलाकर पहले गुजारा करता था परंतु अब पंजाब सरकार ने ट्रक यूनियनों को भंग कर दिया है जिस कारण वह काफी समय से खाली ही रहता था। हमें उसके नशे करने संबंधी कुछ नहीं पता था जब यह घटना घटी उस समय ही हमें इस बात का पता लगा। उसकी मौत से तो हम पर पहाड़ ही गिर गया है। 

 

 

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