डॉक्टर की लापरवाही से महिला की गई एक आंख की रोशनी, लगा भारी जुर्माना

Edited By Vaneet,Updated: 31 Aug, 2019 02:50 PM

woman gets an eye light due to doctor negligence

दवाई की शीशी पर लिखी हुई थी चेतावनी...

बरनाला: अगर बोतल पर लिखा हुआ था कि इसको शरीर के किसी भी नाजुक हिस्से के पास नहीं लगाना है तो आपने टीका आंख के पास क्यों लगाया। अदालत में वकील ने यह सवाल सिविल अस्पताल बरनाला के आंख-कान के डा. गगनदीप तथगुरू को किया। डॉक्टर ने कहा कि मरीज को मैंने बता दिया था कि इसका साइड इफैक्ट हो सकता है। उपभोक्ता फारम ने इस दलील को नकारते हुए कहा कि आप डॉक्टर हो, आपको पता होना चाहिए कि कौन सी दवाई कैसे इस्तेमाल करनी है। इसके बाद अदालत ने डॉक्टर को 8 लाख जुमार्ना देने का आदेश दिया। शुक्रवार को जिला कोर्ट में उपभोक्ता फोरम ने यह फैसला सुनाया। डॉक्टर की गलती से आंख गंवाने वाली महिला को 8 लाख का जर्माना देने के साथ-साथ फोरम ने 25 हजार पीड़ित को अलग से और 5 हजार रूपए अदालत में लीगल फीस के तौर पर जमा करवाने के आदेश दिए हैं।

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नाक से जुड़ी छोटी सी बीमारी के लिए आई थी
जानकारी के अनुसार वीरपाल कौर पत्नी जसपाल सिंह निवासी बरनाला ने उपभोक्ता फोरम में एक साल पहले केस किया था। शिकायत में अदालत को बताया कि 11 नवंबर 2017 को वो अपने नाक में हुए फोड़े के इलाज के लिए सिविल अस्पताल बरनाला में दाखिल हुई थी। डा. गगनदीप तथगुरू इलाज कर रहे थे। उन्होंने फोड़े के दर्द को कम करने के लिए एक टीका लगाने की बात कही। उन्होंने डॉक्टर की बात मान कर वह टीका लगवा लिया, जिस के बाद वह बेहोश हो गई। होश आया तो उनको दाईं आंख से कुछ दिखाई नहीं दिया और दूसरी आंख से बहुत कम दिखाई दे रहा था। डॉक्टर ने इतना ही कहा कि साइड इफैक्ट हो गया है। कई महीने चक्कर लगाने के बाद केस किया था।

दवाई की शीशी पर लिखी हुई थी चेतावनी
डॉक्टर ने जो टीका महिला की नाक में लगाया था उस पर साफ-साफ चेतावनी लिखी हुई थी कि शरीर के किसे भी नाजुक हिस्से में इसका इस्तेमाल न किया जाए लेकिन इस बात का डॉक्टर ने ख्याल नहीं रखा, जिसकी वजह से महिला की एक आंख की रोशनी चली गई। अदालत में बचाव पक्ष ने इस बात को माना कि शीशी पर लिखा हुआ था लेकिन उन्होंने मरीज को बता दिया था कि ये खतरनाक है परंतु इस दलील को अदालत ने रद्द कर दिया, जिसके चलते अदालत ने फैसला महिला के पक्ष में सुनाया। 8 लाख रूपए का जुर्माना डॉक्टर को अदा करने का आदेश सुनाया गया है। डॉक्टर का किसे कंपनी से इंश्योरेंस करवाया हुआ है, जिसके चलते 8 लाख की अदायगी उस कंपनी की तरफ से की जाएगी। 

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अदालत ने किया पूरा इंसाफ लेकिन पूरी जिंदगी बन गई नरक
पीड़ित महिला पीड़ित महिला वीरपाल कौर ने कहा कि उनको अदालत के फैसले से खुशी है कि उनको इंसाफ मिला परंतु उनकी उम्र सिर्फ 29 साल है। उनकी पूरी जिंदगी अभी बाकी है, जो कि एक आंख की रोशनी के सहारे गुजारनी बहुत मुश्किल लग रही है। इस तरह की लापरवाही करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

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