Edited By swetha,Updated: 07 Apr, 2020 03:38 PM
दृढ़ निश्चय से हम किसी भी बीमारी को हरा सकते हैं। ऐसा ही कुछ किया है गांव पठलावा के ग्रंथी बलदेव सिंह के बेटे फतेह सिंह ने।
नवांशहरःदृढ़ निश्चय से हम किसी भी बीमारी को हरा सकते हैं। ऐसा ही कुछ किया है गांव पठलावा के ग्रंथी बलदेव सिंह के बेटे फतेह सिंह ने। कोरोना वायरस से पिता की मौत के बाद उसने हौसला नहीं हारा और सकारात्मक सोच व इच्छाशक्ति से कोरोना पर फतेह हासिल कर ली। उसकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि उसे अभी भी 14 दिन के लिए निगरानी में रखा जाएगा। फतेह सिंह को सिविल अस्पताल में ही अलग कमरे में रखा गया है। पहले उसे परिवार के पांच सदस्यों के साथ एक बड़े हाल में रखा गया था। यहीं सभी का एक साथ इलाज चल रहा था।
गांव पठलावा निवासी फतेह सिंह के पिता बलदेव सिंह की 18 मार्च को कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई थी। इसके बाद 20 मार्च को फतेह सहित परिवार के 6 सदस्यों को नवांशहर के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवा दिया गया था। डॉक्टर गुरपाल कटारिया बताते हैं कि जब फतेह को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया गया तो चेहरे पर खौफ था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया हौसला बढ़ता गया। दवा से ज्यादा फतेह व उसके परिवार को मानसिक मजबूती की जरूरी थी, इसीलिए दिन में दो बार काउंसलिंग होती थी। साथ ही सोच को पॉजिटिव रखने की सलाह दी जाती थी।डा. गुरपाल कटारिया ने बताया कि फतेह सिंह को सोशल मीडिया से दूर रखा गया था। वह मोबाइल से सिर्फ कौंसलर और डॉक्टरों से ही जुड़ा था।
फतेह सिंह के भतीजे के जन्म दिन पर शनिवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। परिवार वालों ने परमात्मा का शुक्रिया अदा किया और दो वर्षीय बच्चे को अच्छी किस्मत वाला बताया। बच्चे की भी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई है। दूसरी का इंतजार है। डॉ. गुरपाल कटारिया ने बताया कि फतेह सिंह को जैसे ही बताया गया कि वह कोरोना मुक्त हो गए हैं तो उन्होंने सबसे पहले परमात्मा का शुक्रिया अदा किया और उसकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने सबसे पहले कहा कि अब वह अपने पिता की अस्थियों को श्मशानघाट से उठा सकते हैं।