दिल्ली से जहरीली हुई पंजाब की हवा,सांस लेना हुअा मुश्किल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 05:06 PM

wind from punjab toxic to delhi

पंजाब के लोग पिछले 4 दिनों से दिल्ली के मुकाबले ज्यादा जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडैक्स के मुताबिक लुधियाना जैसे बड़े शहर में हवा की इंडैक्स वैल्यू 400 तक पहुंच गई है जबकि दिल्ली में पिछले एक...

जांलधर: पंजाब के लोग पिछले 4 दिनों से दिल्ली के मुकाबले ज्यादा जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडैक्स के मुताबिक लुधियाना जैसे बड़े शहर में हवा की इंडैक्स वैल्यू 400 तक पहुंच गई है जबकि दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में लुधियाना के मुकाबले कम प्रदूषण दर्ज किया गया है। अमृतसर व मंडी गोबिंदगढ़ में भी हवा जहरीली होती जा रही है।

पंजाब में इन 3 केंद्रों पर ही केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा आबो-हवा की पैमाइश की जाती है। सामान्य स्तर पर पंजाब में हवा का यह इंडैक्स 100 के आसपास रहता है यानी कि पिछले एक हफ्ते में हवा 4 गुना जहरीली हो गई है। दीवाली के एक दिन बाद 20 अक्तूबर को लुधियाना में इंडैक्स वैल्यू 399 दर्ज की गई जबकि मंडी गोबिंदगढ़ में 22 अक्तूबर को इंडैक्स वैल्यू 384 थी, दूसरी तरफ दिल्ली में 22 अक्तूबर को इंडैक्स वैल्यू 329 दर्ज की गई। पूरे सप्ताह में 20 अक्तूबर को ही दिल्ली की आबो-हवा पंजाब के मुकाबले 4 अंक ज्यादा प्रदूषित थी। 

तिथि                   लुधियाना      अमृतसर     मंडी गोबिंदगढ़       दिल्ली
24 अक्तूबर            346            164            254                       309
23 अक्तूबर           389              365           335                       306
22 अक्तूबर           360              338           384                       329
21 अक्तूबर           353              291           315                       389
20 अक्तूबर           399              342           324                       403
19 अक्तूबर           307              213           224                       319
18 अक्तूबर           355              296           .......                      302
                      आंकड़े इंडैक्स वैल्यू में, स्रोत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 

बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखें
इस बीच पंजाब में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते डाक्टरों ने आम जनता को बच्चों व बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की सलाह दी है। जालंधर के दोआबा अस्पताल में बच्चों के विशेषज्ञ डा. आशुतोष गुप्ता ने कहा कि स्कूल प्रबंधकों को इन दिनों में बच्चों से आऊटडोर एक्टिविटी कम करवानी चाहिएं व बच्चों को खुले में ज्यादा बाहर नहीं भेजना चाहिए। इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत के अलावा फेफड़ों से संबंधित बीमारी के साथ-साथ एलर्जी की भी समस्या हो सकती है। इसका असर सिर्फ बच्चों पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि बुजुर्गों, खासतौर पर अस्थमा के मरीजों को भी इस मौसम में अपना खास ध्यान रखना चाहिए। पिछले कई दिनों से बच्चों में एलर्जी व सांस लेने में परेशानी की दिक्कतों के मामले बढ़ रहे हैं। लिहाजा ऐसी स्थिति में बच्चों का बचाव करना ही सबसे बड़ा परहेज है। 

क्या है कारण
पंजाब में किसानों द्वारा धान की पराली जलाए जाने की घटनाओं के चलते हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने के बयान के बाद पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है जिसका सीधा असर पंजाब की आबो-हवा पर देखने को मिल रहा है। हालांकि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किसानों को पराली न जलाने की ताकीद की थी लेकिन मुख्यमंत्री के बयान के बाद किसानों का हौसला बढ़ा है और इसका असर पर्यावरण पर नजर आ रहा है। 

लंदन में कारों पर लगा प्रदूषण टैक्स
लंदन की सड़कों पर ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ों को अब प्रदूषण टैक्स देना होगा। लंदन यूरोप के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ों पर 10 पौंड का अतिरिक्त चार्ज लगेगा। यह कर उन सारी पैट्रोल व डीजल गाडिय़ों पर लगेगा जो यूरो फॉर एमिशन के लागू होने से पहले पंजीकृत की गई हैं। इस दायरे में 2008 से पहले पंजीकृत हुई गाडिय़ां आएंगी। इंगलैंड के यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद यूरोपियन यूनियन ने ब्रिटेन को अपने प्रदूषण में कमी करने के लिए कहा था। लंदन के मेयर ने कहा कि मैं शहर की आबो-हवा को दुरुस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। प्रदूषण के कारण हर साल कई लोग बे-मौत मारे जा रहे हैं और यह शर्मनाक है। 

प्रदूषण पर जागा चीन, उद्योगपतियों पर छापे
पिछले 4 दशक में औद्योगिक विकास के दम पर दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाले चीन को उद्योगों के कारण होने वाला प्रदूषण सताने लगा है। चीन ने हाल ही में अपने ऐसे उद्योगपतियों पर जबरदस्त एक्शन शुरू किया है जिनकी फैक्टरियां पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रही हैं। चीन के विभिन्न शहरों में स्टील मिलों, कोयले से बनने वाली बिजली के प्लांटों व अन्य उद्योगपतियों पर छापे मारने के लिए टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें उद्योगपतियों को जाकर प्रदूषण कम फैलाने अथवा उद्योगों को बंद करने की चेतावनी दे रही हैं। 21 अगस्त को चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने उत्तरी चीन के दर्जनों शहरों में स्टील निर्माताओं को प्रदूषण में 15 प्रतिशत तक की कमी करने के लिए कहा है। सोमवार को चीन के पर्यावरण मंत्री ली गैंजी ने साफ किया कि पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार और ज्यादा सख्त कदम लेगी। 

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