Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Oct, 2017 08:21 AM
नगर निगम मुलाजिमों व पैंशनभोगियों को दशहरा तो खाली हाथ मनाना पड़ा था और अब उनका सवाल है कि क्या दीवाली पर.......
लुधियाना (हितेश): नगर निगम मुलाजिमों व पैंशनभोगियों को दशहरा तो खाली हाथ मनाना पड़ा था और अब उनका सवाल है कि क्या दीवाली पर जेब खर्च मिलेगा कि नहीं। क्योंकि उन सबको अगस्त का वेतन व पैंशन पूरे एक महीने बाद जाकर मिली है। इसकी वजह केन्द्र से जी.एस.टी. का शेयर न मिलना रही। उसके मद्देनजर एक बार तो राज्य सरकार द्वारा दी गई मदद व निगम की अपनी रिकवरी के पैसे से काम चल गया। लेकिन आगे सितम्बर की तनख्वाह मिलने को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पा रही।
क्योंकि अगले हफ्ते में सबसे पहले बिजली के बिल देने के लिए 4 करोड़ की जरूरत है और जो मुलाजिम सितम्बर तक रिटायर हो चुके हैं। उनको देने के लिए करीब डेढ़ करोड़ की डिमांड के बिल अकाऊंट ब्रांच में पहुंच चुके हैं। इसी तरह कूड़े की लिङ्क्षफ्टग व तेल के बिलों की पेमैंट करने का भी दबाव है। इस दौर में अगर केन्द्र या राज्य सरकार से मदद न मिली तो निगम की अपनी आमदनी से तो यह खर्च ही पूरे नहीं हो पाएंगे।
पूर्व पार्षदों का भी पड़ा है बकाया
निगम से बकाया वेतन मिलने का इंतजार करने वालों में मुलाजिमों व पैंशनभोगियों के अलावा पूर्व पार्षद भी शामिल हैं। जिनका कार्यकाल 20 सितम्बर को खत्म हो चुका है। जिनको अगस्त महीने का भत्ता अब जाकर मिला है और आखिरी 20 दिन के बनते बकाया के लिए उनको भी मुलाजिमों व पैंशनभोगियों के साथ ही इंतजार करना पड़ेगा।