कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, क्या चन्नी-सिद्धू-जाखड़ की तिकडी को एक माला में पिरो सकेंगे राहुल गांधी

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 02 Dec, 2021 05:01 PM

will rahul gandhi be able to tie the trio of channi sidhu jakhar in a garland

बीते दिन दिल्ली हाईकमान के पास पहुंचे चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की तिकडी को एकजुट करने में राहुल गांधी कामयाब होते नजर नहीं आ रहे।

जालंधर: बीते दिन दिल्ली हाईकमान के पास पहुंचे चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की तिकडी को एकजुट करने में राहुल गांधी कामयाब होते नजर नहीं आ रहे। दरअसल विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी ने इन तीनों नेताओं को बातचीत करने के लिए बुलाया था परन्तु यह नेता एक-दूसरे की शिकायतें लाने में ही मशरूफ रहे। राहुल गांधी ने सबसे पहले पार्टी की सरगर्मियों से दूर चल रहे पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ के साथ मुलाकात की और उनको मनाने का यत्न किया। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के मौजूदा प्रधान नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री चन्नी के साथ विचार चर्चा की। चन्नी और सिद्धू की जोड़ी के साथ लम्बा समय बातचीत चलती रही परन्तु माना जा रहा है कि तीनों नेता एक-दूसरे खिलाफ अपने वार करते रहे।

जिक्रयोग्य है कि सुनील जाखड़ ने जबसे पंजाब कांग्रेस के प्रधान के पद से इस्तीफा दिया है वह पार्टी की गतिविधइयों से दूर चले आ रहे हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि नवजोत सिद्धू की तरफ से पंजाब कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को लेकर हाईकमान को अधिकारियों की सूची भेजी गई है परन्तु अभी तक इस सूची पर मोहर नहीं लगी। सुनील जाखड़ समेत पंजाब कांग्रेस के कई नेता इस बात से नाराज़ हैं कि ज़िला स्तर पर समितियों के गठन समेत संगठन में फेरबदल पर उनकी कोई राय नहीं ली गई। आम तौर पर जिला स्तर पर अधिकारियों की चयन में हलका विधायकों समेत सीनियर नेताओं की सलाह ली जाती है। 

माना जा रहा है कि जाखड़ ने वर्तमान पंजाब कांग्रेस की टीम के साथ काम करने से इन्कार कर दिया है। दूसरी तरफ सिद्धू ने मुख्यमंत्री की तरफ से ब्लाक प्रधानों के साथ की गई बैठक का मुद्दा उठाया गया जिसमें नवजोत सिद्धू को नहीं बुलाया गया था। नवजोत सिद्धू ने चन्नी की तरफ से किए जा रहे ताबड़तोड़ ऐलानों पर भी सवाल उठाए। बताया जा रहा है सिद्धू ने कहा कि चन्नी जिस तरह एक के बाद एक ऐलान कर रहे हैं, उनको बिना खजाने के पूरा करना संभव नहीं है। इसलिए जनता को सब्जबाग दिखाने की बजाय 18 सूत्रीय एजैंडे पर फोकस करते बेअदबी, नशों जैसे मुद्दो के निपटारे को ध्यान दिया जाए। इसी तरह मुख्यमंत्री चन्नी ने राहुल गांधी को कहा कि पंजाब सरकार लगातार जनहितैषी फैसले ले रही है परन्तु सिद्धू की सरकार विरोधी बयानबाजी के साथ जनता में गलत संदेश जा रहा है।

कांग्रेस हाईकमान द्वारा इन नेताओं की तिकडी को एक माला में पिरो कर रखना बड़ी चुनौती बना हुआ है। यदि इन नेताओं में से एक भी नाराज़ होता है तो विधानसभा चुनाव में पंजाब कांग्रेस के लिए बड़ा संकट खडा हो सकता है। राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को जल्दी ही अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके साथ ही जाखड़ की नाराज़गी को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी विराम लग सकता है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने जाखड़ को कांग्रेस का बड़ा चेहरा मानते उनको जल्दी ही बड़ी ज़िम्मेदारी देने का भरोसा दिया है। इसी तरह यदि सिद्धू की तरफ से भेजी गई अधिकारियों की सूची पर मोहर लग जाती है तो सिद्धू की नाराजगी भी दूर हो सकती है। 

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