Edited By Tania pathak,Updated: 30 Aug, 2020 12:21 PM
तंगीयों से गुज़रते हुए ऐमबीबीऐस करने उपरांत ऐम.डी. के फाइनल पेपर से कुछ समय पहले डा. विकास लाखा की दिल्ली में मौत हो गई...
गोराया /फिलौर (मुनीश): यहां के नजदीकी गाँव पद्दी जागीर में तीन बहनों का इकलौते भाई की बीते दिनों दिल्ली में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मृतक की पहचान विकास लाखा पुत्र सुरिन्दर लाखा के तौर पर हुई थी। उक्त नौजवान का दिल्ली में कोरोना टेस्ट भी करवाया गया था परन्तु उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
तंगीयों से गुज़रते हुए ऐमबीबीऐस करने उपरांत ऐम.डी. के फाइनल पेपर से कुछ समय पहले डा. विकास लाखा पुत्र सुरिन्दर लाखा की दिल्ली में मौत हो गई।
दिल्ली में नौकरी करता था उक्त नौजवान
परिवारक सदस्यों ने बताया कि डा. विकास गुरू तेग़ बहादुर अस्पताल दिल्ली में नौकरी करता था और ऐम. डी. की तैयारी कर रहा था। शनिवार को उस की मृतक देह गाँव पद्दी जागीर में पहुँचने उपरांत संस्कार कर दिया गया। डा. विकास लाखा पूर्व सरपंच मनोहर लाखा (हैपी सरपंच) के चचेरे भाई था। माहौल उस समय गमगीन हो गया जब शीतल, अनीता और प्रवीण तीनों बहनों ने अपने छोटे अकेले भाई को कंधा दिया और अग्नि भी बहनों ने दी।
मेरी मौत पर न रोओ-मेरी सोच को बचाययो' कविता बोल कर दी अंतिम विदाई
इस मौके उनको चाहने वालों ने उनकी पसन्दीदा और मुँह से बोली हुई एक कविता बोल कर अंतिम विदाई दी। उन की तरफ से उनकी बोली हुई कविता 'मेरी मौत पर न रोइओ–मेरी सोच को बचाययो' बोल कर पूरा गाँव नम आँखों के साथ अंतिम विदाई दी।
इस मौके राजनितिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थायों के नेता, सेहत विभाग, शिक्षा विभाग, बिजली बोर्ड, इलाके भर के सरपंच -पंचों, बड़ी संख्या में लोग और रिश्तेदारों की आँखें नम थी।