Edited By Vatika,Updated: 21 Mar, 2019 08:04 AM
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) की ओर से गठित निरीक्षण समिति ने कैप्टन सरकार को समयबद्ध तरीके से नदियों का प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।समिति ने एक महीने की समय सीमा निर्धारित करते हुए आज कहा कि इस बारे में प्रगति का...
चंडीगढ़(अश्विनी): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) की ओर से गठित निरीक्षण समिति ने कैप्टन सरकार को समयबद्ध तरीके से नदियों का प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।समिति ने एक महीने की समय सीमा निर्धारित करते हुए आज कहा कि इस बारे में प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए अहम स्थानों पर जाकर जांच की जाएगी।
जस्टिस (अवकाश प्राप्त) प्रीतम पाल की अगुवाई वाली समिति ने कार्य योजना को समय सीमा में लागू करने को लेकर नोडल विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। समिति ने कहा है कि नदियों के प्रदूषण को लेकर लापरवाही कतई सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्य नदियों में गंदा पानी डाले जाने वाले स्थानों पर कड़ी नजर रखने के लिए अधिकारियों को कहा है। रावी, ब्यास और सतलुज के लिए कार्य योजना को लागू करने की प्रगति का जायजा लेने के लिए आज यहां महात्मा गांधी स्टेट इंस्टी‘यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के निदेशालय की ओर से समिति की पहली बैठक हुई। रावी, ब्यास और सतलुज में प्रदूषण खासकर बुड्ढा नाला (लुधियाना) और काली बेईं (जालंधर) में प्रदूषण पर रात-दिन निगरानी रखने की जरूरत पर बल देते हुए चेयरपर्सन ने कहा कि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर रहा है। राज्य के मालवा क्षेत्र में इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है। मालवा क्षेत्र के कुछ इलाकों में कैंसर तेजी से फैल रहा है।
21 प्लांट कर रहे थे नियमों की उल्लंघना
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव राकेश वर्मा ने बताया कि जनवरी के महीने में 44 सीवरेज प्लांटों की निगरानी की गई जिनमें से 23 नियमों का पालन कर रहे हैं जबकि 21 इसकी उल्लंघना कर रहे थे। इनमें से लुधियाना के बहादरके रोड, फोकल प्वाइंट, ताजपुर रोड के अलावा जालंधर का इंडस्ट्रियल यूनिट और लैदर कॉम्पलैक्स का प्लांट भी शामिल है। वर्मा ने बताया कि सतलुज नदी के समीप 445 उद्योगों को ई.टी.पीज की जरूरत है जिनमें से 44 उद्योगों की निगरानी की गई। इनमें से 27 नियमों का पालन कर रहे हैं जबकि 17 इसका पालन नहीं कर रहे हैं। विभाग ने नियमों की पालना न करने वाली 8 इकाइयों के विरुद्ध कार्रवाई की है। उनको सील/बिजली आपूर्ति काटी गई है। एक इकाई को बंद किया गया है। 3 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और 5 इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण विभाग ने ब्यास, सतलुज और घग्गर के अलावा वायु प्रदूषण के बारे में व्यापक कार्य योजना तैयार की है।