Edited By Updated: 18 Nov, 2016 09:46 AM
एस.वाई.एल. मामले में गत दिवस पंजाब विधानसभा में हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली को जा रहे पानी की ...
चंडीगढ़ (भुल्लर): एस.वाई.एल. मामले में गत दिवस पंजाब विधानसभा में हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली को जा रहे पानी की रॉयल्टी (कीमत) वसूलने के लिए पारित बिल का मामला गर्माने के बाद नया विवाद छिडऩे के आसार हैं। पंजाब के प्रसिद्ध जल विशेषज्ञ व राज्य सरकार के सिंचाई विभाग के सलाहकार प्रीतम सिंह कुमेदान का अनुमान है कि तीनों राज्यों पर रॉयल्टी का बिल 13 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बनेगा।
उन्होंने विशेष बातचीत में कहा कि इसमें से राजस्थान पर 8 लाख करोड़, हरियाणा पर 5 लाख करोड़ तथा दिल्ली पर 100 करोड़ का बिल बनता है। राजस्थान को 1 करोड़ 12 लाख एकड़ फुट व हरियाणा को 78 लाख एकड़ फुट तथा दिल्ली को 2 लाख एकड़ फुट पानी जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब के बंटवारे से पहले पटियाला व बीकानेर रियासत से प्रति एकड़ 4 आने के हिसाब से रॉयल्टी ली जाती रही, लेकिन 1945 के बाद यह बंद हो गई।
कुमेदान का कहना है कि रॉयल्टी वसूलने के लिए कोई मापदंड तय नहीं किए गए लेकिन अब के रेट के हिसाब से 1 लीटर पर 1 पैसा भी वसूला जाए तो एक एकड़ में 12 हजार रुपए बनते हैं। कुमेदान का कहना है कि अब विधानसभा में बिल पास होने के बाद राज्य सरकार एक कमेटी गठित करेगी जो कि अब तक तीनों राज्यों को गए पानी का सही आकलन कर मूल्य तय करेगी। इसमें अनुमानित रॉयल्टी के आंकड़ों में थोड़ा अंतर आ सकता है। कुमेदान का कहना है कि विधानसभा में बिल पास होने के बाद अब कम से कम पानी का मूल्य वसूलने पर चर्चा तो शुरू हुई है, लेकिन कानूनी तरीके से इस लड़ाई को आगे बढ़ाया गया तो संबंधित राज्यों को पानी का मूल्य जरूर देना पड़ेगा, बेशक वे कम ही दें। उन्होंने कहा कि अगर राज्य इंकार करते हैं तो केंद्र सरकार इसकी भरपाई कर सकती है क्योंकि केंद्र सरकार के गलत फैसलों के कारण ही यह स्थिति बनी है।
एस.वाई.एल. नहर के निर्माण की सूरत में पंजाब को होने वाले नुक्सान के बारे में कुमेदान का कहना है कि यह बात सही नहीं कि कुछ ही जिले प्रभावित होंगे। अगर इस नहर से पानी जाता है तो लगभग सभी जिलों के पानी पर कट लगेगा। भटिंडा, मानसा, संगरूर, पटियाला व फतेहगढ़ साहिब जैसे जिले अधिक प्रभावित होंगे और 9 लाख एकड़ जमीन बंजर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी स्टेट का विषय है तथा राइपेरियन लॉ के तहत राज्य में बहने वाले दरियाओं के पानी पर उसी राज्य का अधिकार होता है। उनका कहना है कि इतिहास गवाह है कि पानी के झगड़े लंबे समय तक चलते हैं। कावेरी का विवाद 100 वर्ष चलने के बाद भी नहीं सुलझा जबकि पंजाब व हरियाणा के बीच पानी का विवाद सिर्फ 50 वर्ष पुराना ही है।
राज्य - पानी (एकड़ फुट में ) - (कीमत)
राजस्थान 1 करोड़ 12 लाख 8 लाख करोड़
हरियाणा 78 लाख 5 लाख करोड़
दिल्ली 2 लाख 100 करोड़