वाघा बार्डर पर लापरवाही : 1 वर्ष लेट चल रहा टूरिस्ट गैलरी का प्रोजैक्ट

Edited By swetha,Updated: 20 Aug, 2018 11:06 AM

wagha border tourist gallery

अटारी बॉर्डर स्थित ज्वाइंट चैक पोस्ट पर होने वाली बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स की परेड इस समय विश्व विख्यात हो चुकी है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से 33 करोड़ रुपए की लागत से बड़ी टूरिस्ट गैलरी का प्रोजैक्ट शुरू किया गया, लेकिन इसका निर्माण...

अमृतसर(नीरज): अटारी बॉर्डर स्थित ज्वाइंट चैक पोस्ट पर होने वाली बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स की परेड इस समय विश्व विख्यात हो चुकी है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से 33 करोड़ रुपए की लागत से बड़ी टूरिस्ट गैलरी का प्रोजैक्ट शुरू किया गया, लेकिन इसका निर्माण करने वाले विभाग सी.पी.डब्ल्यू.डी. की लापरवाही के कारण यह प्रोजैक्ट इस समय एक वर्ष लेट चल रहा है जिससे बी.एस.एफ. को तो परेशानी का सामना करना ही पड़ता है। वहीं परेड देखने आने वाले हजारों की संख्या में देश-विदेश के पर्यटकों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। 

जानकारी के अनुसार सी.पी.डब्ल्यू.डी. की तरफ से इस प्रोजैक्ट को 2015 में शुरू किया गया था जिसको 2017 में पूरा किया जाना था, लेकिन यह प्रोजैक्ट अभी तक पूरा नहीं हो सका है। जबकि बी.एस.एफ. की तरफ से लगातार सी.पी.डब्ल्यू.डी. को यह प्रोजैक्ट समय पर पूरा करने संबंधी कहा जाता रहा है। हालांकि शुरूआत में यह प्रोजैक्ट 23 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाना था, लेकिन बाद में इसमें 10 करोड़ रुपए और दे दिया गया। इससे पहले जे.सी.पी. अटारी पर छोटी टूरिस्ट गैलरी होती थी जिसमें 5 से 10 हजार टूरिस्ट ही मुश्किल से बैठ पाते थे और परेड देखने आने वाले टूरिस्टों की संख्या गैलरी की क्षमता से दोगुना या इससे भी ज्यादा होती थी। इससे ज्यादातर टूरिस्टों को बिना परेड देखे ही वापस लौटना पड़ता था।

भारतीय गैलरी के सामने पाकिस्तानी टूरिस्ट गैलरी बौनी
जे.सी.पी. अटारी बॉर्डर पर बनाई जा रही टूरिस्ट गैलरी इतनी बड़ी है कि इसके सामने पाकिस्तानी टूरिस्ट गैलरी बिल्कुल बौनी लगती है। पाकिस्तानी खेमे में पाकिस्तान रेंजर्स की परेड देखने के लिए भी पाकिस्तानी लोग भारतीय खेमे की तुलना में कम आते हैं। पाकिस्तान की तरफ से परेड देखने पर टिकट भी लगाई गई है, लेकिन भारतीय खेमे में ऐसा कुछ नहीं है। भारतीय टूरिस्ट गैलरी व पाकिस्तानी टूरिस्ट गैलरी को देखकर यह भी पता चल जाता है कि भारत के सामने पाकिस्तान की क्या औकात है।

क्या है जे.सी.पी. अटारी के प्रोजैक्ट का हिस्सा
जे.सी.पी. अटारी बार्डर पर 33 करोड़ के प्रोजैक्ट में बड़ी टूरिस्ट गैलरी के अलावा कॉन्फ्रैंस हाल, लॉबी, डाइङ्क्षनग हाल, जवानों के रहने की बैरिक व अस्पताल बनाया जा रहा है।

जीरो लाइन पर लगाया गया स्लाइङ्क्षडग गेट इसी प्रोजैक्ट का हिस्सा
जे.सी.पी. अटारी के रिट्रीट सैरेमनी स्थल की जीरो लाइन पर सी.पी.डब्ल्यू.डी. की तरफ से लगाया गया स्लाइङ्क्षडग गेट भी इसी प्रोजैक्ट का हिस्सा है और उस पर कोई अलग से खर्च नहीं किया जा रहा है। हालांकि यह चर्चा हो रही थी कि इस गेट पर सी.पी.डब्ल्यू.डी. की तरफ से 44 लाख रुपए खर्च किया गया है और एक गेट पर इतना खर्च कैसे हो सकता है। इसका स्पष्टीकरण डी.आई.जी. बी.एस.एफ. जे.एस. ओबराय ने किया और बताया कि इस पर अलग से कोई 44 लाख रुपए नहीं खर्चा गया। बल्कि यह 33 करोड़ के प्रोजैक्ट का ही 
हिस्सा है। पुराने गेट की तुलना में यह गेट ज्यादा मजबूत व बड़ा है।

आई.सी.पी. ट्रक स्कैनर का काम नवंबर में होगा पूरा
जे.सी.पी. के अलावा आई.सी.पी. (इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट) अटारी पर केंद्र सरकार की तरफ से लगाया जा रहा ट्रक स्कैनर का काम अक्तूबर अंत या नवंबर 2018 में पूरा होने की संभावना है। 
पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की चैकिंग के लिए लगाया जा रहा ट्रक स्कैनर जम्मू-कश्मीर के बार्टर ट्रेड बॉर्डर चक्कान दा बाग व स्लामाबाद बॉर्डर पर भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर पर यह काम पहले शुरू कर दिया गया है। हालांकि आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर के निर्माण होने के 6 वर्ष बाद इस स्कैनर को लगाया जा रहा है, जबकि आई.सी.पी. बनाए जाने से पहले इसको लगाया जाना चाहिए था।

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