धर्म या जाति के नाम पर वोट मांगना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव आयोग

Edited By Vaneet,Updated: 07 May, 2019 10:32 PM

vote for religion or caste violation of election code of conduct

चुनाव आचार संहिता के नियमों अनुसार जाति या धर्म के नाम पर वोट मांगने की मनाही है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी डा. एस. करुणा राजू ने कहा कि उम्मीदवारों और पार्टियों  को चुनाव मुहिम दौरान धर्म या जाति के आधार पर वोटरों से अपील करने से गुरेज करना...

चंडीगढ़(भुल्लर): चुनाव आचार संहिता के नियमों अनुसार जाति या धर्म के नाम पर वोट मांगने की मनाही है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी डा. एस. करुणा राजू ने कहा कि उम्मीदवारों और पार्टियों  को चुनाव मुहिम दौरान धर्म या जाति के आधार पर वोटरों से अपील करने से गुरेज करना चाहिए। 

इसके अलावा योजनाबद्ध नीति के तहत आपसी भाईचारे को नुक्सान पहुंचाने के लिए उकसावे और भड़काऊ बयानबाजी नहीं करनी चाहिए तथा राजनीतिक विरोधियों के निजी जीवन और व्यवहार संबंधी टिप्पणियां या पोस्टर-बैनरों द्वारा प्रचार नहीं करना चाहिए। दुर्भावना के तहत अलग-अलग सम्प्रदायों में आपसी नफरत पैदा करना, अलग-अलग राजनीतिक पाॢटयों, जाति, धर्म, सम्प्रदायों और अन्य के आधार पर बांट डालने की कोशिश भी चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत गैर-कानूनी है। 

डा. राजू ने उम्मीदवारों को चुनाव आचार संहिता की हिदायतों की पालना करने की अपील की है। धार्मिक स्थानों का दुरुपयोग रोकने संबंधी एक्ट 1988 के नं. 41 ऑफ 1988 के सैक्शन 3, 5 और 6 धार्मिक स्थानों का प्रयोग चुनाव मनोरथ के लिए करने से रोकने के साथ-साथ इन धार्मिक स्थानों के वित्तीय फंडों का प्रयोग चुनाव मनोरथ के लिए करने से भी रोकता है। पार्टियों इसके अंतर्गत यदि कोई किसी खास राजनीतिक विचारधारा या गतिविधि के प्रसार के लिए धार्मिक स्थान के वित्तीय फंड का प्रयोग करता है तो 5 साल कैद समेत जुर्माना हो सकता है। डा. राजू ने पंजाब के वोटरों से अपील की कि वे यदि कहीं आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होते देखते हैं तो इस संबंधी सी-विजल एप या हैल्पलाइन नंबर 1950 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

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