Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 03:24 PM
विशेष जरूरतों वाले दिव्यांग बच्चे भविष्य में अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अब किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे, क्योंकि सरकार ने इन बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने के उद्देश्य से इनके लिए वोकेशनल कोर्स शुरू करवाने के लिए ‘उम्मीद’ प्रोजैक्ट का...
लुधियाना(विक्की): विशेष जरूरतों वाले दिव्यांग बच्चे भविष्य में अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अब किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे, क्योंकि सरकार ने इन बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने के उद्देश्य से इनके लिए वोकेशनल कोर्स शुरू करवाने के लिए ‘उम्मीद’ प्रोजैक्ट का आगाज किया है। इस प्रोजैक्ट के तहत इन दिव्यांग बच्चों को कुशन और टैडीबैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल व ए.डी.सी.सी. (डी) सुरभि मलिक ने उम्मीद प्रोजैक्ट संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न कैटेगरीज के विशेष जरूरतों वाले इन बच्चों के लिए वोकेशनल कोर्सिस की शुरूआत कर दी गई है।
पहले बैच के लिए 12 बच्चे हुए इनरोल
इंक्लूसिव एजुकेशन ऑफ दि डिसेबल्ड एंड सैकेंडरी स्टेज के इन बच्चों के लिए शहीद सुखदेव थापर सरकारी स्कूल भारत नगर चौक में एन.सी.सी., इन साइड ए.टी.आई. गिल रोड के सहयोग से प्रोजैक्ट शुरू किया जा रहा है। इसमें 14 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को कुशन एवं टैडी बैग बनाने की सिखलाई नि:शुल्क दी जाएगी। 3 माह के पहले बैच के लिए 12 बच्चे इस प्रोजैक्ट के लिए इनरोल कर लिए गए हैं।
ये कोर्स भी शुरू करने की योजना
डी.सी. ने बताया कि जरूरी नहीं कि भविष्य में भी सभी बच्चों को यही कोर्स करवाए जाएं लेकिन समय-समय पर मांग के मुताबिक ब"ाों की जरूरत व समर्था को देखते हुए अन्य कोर्स भी शुरू करवाए जाएंगे। इनमें कम्प्यूटर, ब्यूटीशियन, हेयर कटिंग, टाई एंड डाई, मोबाइल रिपेयर व स्कूटर रिपेयर आदि शामिल हैं। यही नहीं प्रशासन ने इन बच्चों के लिए उनके अभिभावकों के पहले से ही चल रहे रोजगार से संबंधित कोर्स करवाने की रूपरेखा तैयार की है।
सर्टीफिकेट आधारित होंगे कोर्स
डी.सी. ने बताया कि इन कोर्सिस को कम्प्लीट करने वाले ब"ाों को सर्टीफिकेट भी दिए जाएंगे, ताकि वे निजी व सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकें। इसके अलावा अगर किसी बच्चे को लुधियाना तक आने के लिए दिक्कत है तो उसके घर के नजदीक भी इसका प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। ब"ाों के अभिभावकों को भी समय-समय पर इस कोर्स एवं कार्य संबंधी जानकारी दी जाएगी ताकि वे भविष्य में ब"ाों का सहयोग कर सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्स करने के लिए संबंधित ब"ो का डिसेबिलिटी सर्टीफिकेट बना होना आवश्यक है। इसके लिए उम्मीद प्रोजैक्ट का को-आर्डीनेटर शिक्षा विभाग के गुलजार शाह को बनाया गया है।