बादल की पार्टी चुनाव जीतने के लिए लेती है धर्म-पंथ का सहारा : विजयइंद्र सिंगला

Edited By swetha,Updated: 25 Sep, 2018 12:04 PM

vijayendra singla

पंजाब मंत्रिमंडल में युवा मंत्री के तौर पर विजयइंद्र सिंगला अपनी अलग पहचान रखते हैं। वैसे तो पारिवारिक सियासी परिवेश के चलते सियासत की घुट्टी उन्होंने बचपन में ही पी ली थी। पर खुद के  सियासी तजुर्बों ने उन्हें बेहतरीन युवा नेता की पहचान दिलवाई।...

चंडीगढ: पंजाब मंत्रिमंडल में युवा मंत्री के तौर पर विजयइंद्र सिंगला अपनी अलग पहचान रखते हैं। वैसे तो पारिवारिक सियासी परिवेश के चलते सियासत की घुट्टी उन्होंने बचपन में ही पी ली थी। पर खुद के सियासी तजुर्बों ने उन्हें बेहतरीन युवा नेता की पहचान दिलवाई। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है। सिंगला मानते हैं कि कांग्रेस की विचारधारा ही उनके जहन में रची-बसी हुई है। मंत्री पद की जिम्मेदारी पर वह कहते हैं कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली है। उसका एकमात्र लक्ष्य क्वालिटी वर्क है।  ‘पंजाब केसरी’ के अश्वनी कुमार से बातचीत के दौरान उन्होंने ऐसे ही कई ज्वलंत मुद्दों का बेबाकी से जवाब दिया। 

प्र. कांग्रेस हमेशा धर्मनिरपेक्ष छवि के साथ चुनाव लड़ती रही है, लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि पंजाब में कांग्रेस की यह छवि टूट रही है। पंजाब में कांग्रेस वोटों (सिख समुदाय) का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है?

उ. मैं सिर्फ एक ही बात कहना चाहता हूं कि कांग्रेस हमेशा धर्मनिरपेक्ष पार्टी रही है और  रहेगी। अगर सुखबीर बादल या विपक्ष के लोग कांग्रेस की विचारधारा पर टिप्पणी करते हैं तो उनकी आदत टिप्पणी करना ही तो है।  

प्र. पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल तो यह भी कहते  हैं कि कांग्रेस पंथक एजैंडे को तव्वजो दे रही है, क्योंकि डेढ़ साल के कार्यकाल में सरकार बुरी तरह फेल हुई है? 

उ. अगर सुखबीर बादल पंथक एजैंडे की बात करते हैं तो पंजाब की जनता यह जानती है कि उनकी पार्टी ने जब भी चुनाव में हार की आशंका को देखा है तो उन्होंने धर्म-पंथ का सहारा लिया है। कांग्रेस पार्टी ने ऐसा कभी नहीं किया। कांग्रेस ने हमेशा अपनी आइडियोलॉजी पर चुनाव लड़ा है। अगर कांग्रेस को हार का भी सामना करना पड़ा तो भी कांग्रेस ने अपनी विचारधारा को कभी नहीं त्यागा। कांग्रेस हमेशा अपनी सैक्युलर छवि के साथ चली है और आगे बढ़ती रहेगी। सुखबीर बादल को अगर टिप्पणी करनी है तो यह उनकी इच्छा है। पंजाब की जनता भी उनकी बात पर विश्वास नहीं करती है। 

प्र. लोक निर्माण विभाग के बारे में अवधारणा है कि इस विभाग में बिना कमीशन के कोई काम नहीं  होता। पूर्व पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने तो  लोक निर्माण विभाग के कार्यों पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया था, आप क्या सुधार करेंगे?

उ. मैं पिछली सरकार की बात नहीं करना चाहता या मैं पिछले वक्त की बात नहीं करना चाहता। मुझे जिम्मेदारी मिली है। मेरा पूरा ध्यान क्वालिटी के ऊपर है। अगर हम इस बात में विश्वास करेंगे कि रोज एक्स.ई.एन. को, एस.ई. को या चीफ इंजीनियर को सस्पैंड कर दो या सख्त कार्रवाई कर दो तो उससे काम नहीं चलेगा। प्री-मिक्स प्लांट, जहां तारकोल के तापमान को मेंटेन किया जाता है, में तापमान दुरुस्त नहीं रखा जाता था, मैंने उसे अनिवार्य किया है। अब सभी को ओवन लगाने पड़ेंगे, तभी पेमैंट होगी। पहले केवल ठेकेदार अंडरटैकिंग देते थे, काम करते थे, पेमैंट ले जाते थे, लेकिन अब सख्ती की गई है ताकि मैटीरियल अच्छा मिले और बेहतरीन सड़कों का निर्माण हो। जहां तक बात कमीशन की है तो तीन माह के कार्यकाल में मेरे विभाग में सुधार हुआ है। अगर अभी भी कोई कमी दिखाई देती है तो सुझावों का स्वागत रहता है और रहेगा। 

प्र. इंफॉर्मेशन टैक्नोलॉजी डिपार्टमैंट भी आपके पास है, उसमें क्या कुछ बदलाव होने जा रहा है?
उ.
यह काफी अच्छा क्षेत्र है। अमरेंद्र सिंह सरकार ने वर्ष 2002-2007 के बीच मोहाली में आई.टी. पार्क शुरू किया था। इसमें इंफोसिस जैसी कंपनियों ने क्वार्क सिटी बनाई। साथ ही करीब 150 कंपनियों ने निवेश किया। आज ट्राईसिटी का कुल एक्सपोर्ट करीब 4000 करोड़ रुपए है। मैंने पिछले तीन महीने में कई बार आई.टी. कंपनियों से बात की है। सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया में बैठक की, जिसमें आई.टी. सैक्टर को पेश आ रही दिक्कतों को रखा गया। मसलन, पुलिस स्टेशन, इलैक्ट्रिसिटी सप्लाई के मुद्दे, हाऊसिंग के मुद्दे, स्ट्रीट लाइट की दिक्कत या लाइट को शुरू करने की बात को भारत सरकार के साथ और पंजाब सरकार के साथ टेकअप किया है ताकि उनका कॉन्फीडैंस बढ़े, क्योंकि यह माऊथ पीस हैं, जो अन्य कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मैं समझता हूं कि मोहाली में इंटरनैशनल फ्लाइट शुरू होने से मोहाली आने वाले वक्त में बड़ा आई.टी. डैस्टीनेशन बनेगा। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि 1 नवम्बर-2018 तक यहां आई.टी. में निवेश करने वालों को तमाम सुविधाएं मिलेंगी। 

प्र.आई.टी. पार्क केवल मोहाली तक सीमित होकर रह गया है। पंजाब की अन्य जगहों पर इसके विस्तार की क्या रणनीति है?

उ. ऐसा नहीं है। जल्द ही राजपुरा व अमृतसर में भी आई.टी. पार्क होंगे। जल्द ही सरकार आई.टी. की नई पॉलिसी भी लेकर आ रही है। यह पॉलिसी स्टैक होल्डर फ्रैंडली है। इस पॉलिसी से आई.टी. के क्षेत्र से जुड़े लोगों, जो पंजाब से इन्सैंटिव की उम्मीद करते हैं, को लाभ मिलेगा। यह पॉलिसी इंडस्ट्रीयल पॉलिसी का अहम हिस्सा होगी, जिसके माध्यम से यहां आई.टी. से जुड़े लोग आकर फायदा उठा सकेंगे। 

प्र. चंडीगढ़ में मोहाली के उ. दोपहिया चालकों यानी टू-व्हीलर टैक्सी सेवा को एंट्री से रोका गया?

उ. हर जगह के अपने कानून होते हैं। संभवत: चंडीगढ़ में कोई ऐसा कानूनी पेंच होगा कि उन्हें अनुमति न मिली हो। पंजाब के बाकी हिस्सों में मेरे ख्याल से यह स्कीम अच्छे से काम कर रही है। 

प्र. एक तरफ तो सरकार औद्योगिक इकाइयों को राहत देने की बात कर रही है, दूसरी तरफ टैक्स का बोझ डाला जा रहा  है?

उ. औद्योगिक इकाइयों पर टैक्स बेहद मामूली है। पंजाब एक बड़ी मजबूत स्टेट हुआ करती थी, लेकिन अब खजाना खाली है। कांग्रेस सरकार लगातार पंजाब को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। मेरा मानना है कि जल्द ही पंजाब दोबारा आॢथक पटरी पर मजबूती से लौटेगा। 

प्र.2019 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस किन उपलब्धियों के बलबूते जनता से वोट की उम्मीद करती है?

उ. मैं समझता हूं कि अब तक मैंने जो बातें कही हैं, वह सरकार की बड़ी उपलब्धियां हैं। हमने जो भी काम किए हैं, वोट बैंक को ध्यान में रखकर नहीं किए हैं। किसान का कर्जा माफ हुआ तो यह नहीं देखा गया कि किसान अकाली दल समर्थक है या नहीं। हमने सबको बराबर समझा है। मेरा मानना है कि मौजूदा समय में पंजाब का जो माहौल है उसमें जनता 2019 के चुनाव के दौरान कांग्रेस का साथ देगी और सभी लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत होगी। 

प्र. चुनाव के दौरान कांग्रेस  ने युवाओं को स्मार्ट फोन देने, घर-घर नौकरी देने का वायदा किया था, वह सब कब मिलेगा, विपक्ष का आरोप है कि घर-घर रोजगार की घोषणा महज प्राइवेट रोजगार मेले बनकर रह गई है?

उ. सरकार ने स्मार्ट फोन देने की योजना बनाई है। आने वाले दिनों में युवाओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध होंगे। जहां तक बात घर-घर नौकरी देने और विपक्ष के आरोपों की है तो सबसे पहले मैं विपक्ष के आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि हमें जिम्मेदारी तब मिली है जब विपक्ष ने 10 साल तक काम नहीं किया। विपक्ष ने 10 साल जिस ट्रेड में अपने कारोबार का विस्तार किया, अगर उसका विस्तार लोगों तक किया होता तो युवाओं को रोजगार मिलता। भले ही बात ट्रांसपोर्ट की हो या केबल की। आज पूरे देश में नौकरी की किल्लत है। 

प्र.आप सशक्त युवा नेता के तौर पर पहचान रखते हैं, आपकी सरकार युवाओं के लिए क्या कर रही है?

उ.कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले चुनाव घोषणा-पत्र में युवाओं को रोजगार देने की बात की थी। पंजाब को ड्रग मुक्त बनाने की बात कही थी। सभी मुद्दे यंगस्टर्स के साथ कनैक्टिड हैं। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सत्ता संभालने के बाद एस.टी.एफ. जैसी फोर्स को खड़ा किया। एक ही सोच थी कि जो युवा ड्रग की लत के शिकार हैं, उस ड्रग की सप्लाई चेन को तोड़ा जाए। सरकार ने इस सोच को साकार किया। कई प्रोग्राम चालू किए ताकि युवाओं की जिंदगी बेहतर हो सके, उनकी जिंदगी में परिवर्तन आ सके। इस परिवर्तन का मतलब यह था कि एजुकेशन के माध्यम से युवाओं को सिंथैटिक ड्रग से दूर किया जाए। ‘तंदरुस्त पंजाब’ जैसा प्रोग्राम भी चालू किया गया, जिसके माध्यम से युवाओं को मदद मिली। जहां तक बात रोजगार की है तो पंजाब में निवेश का माहौल बनाया गया है इसलिए इंडस्ट्री को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का फैसला किया गया। इससे गोबिंदगढ़ की इंडस्ट्री को रिवाइव होने का मौका मिला।  गैंगस्टर्स के कारण पंजाब में निवेश करने वालों का मनोबल टूट जाता था, इसलिए गैंगस्टर्स को खत्म करने की पहल हुई। कोई भी सरकार युवाओं को बहुत बड़े स्तर पर सरकारी नौकरियां नहीं दे सकती है, यह केवल निवेश से ही संभव हो सकता है। गगनेजा कत्ल मामले में आरोपियों को पकडऩे का कार्य भी कांग्रेस सरकार ने ही किया।  

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