Edited By Kamini,Updated: 27 Sep, 2022 09:59 PM
विजिलेंस ब्यूरो पंजाब ने राज्य में भ्रष्टाचार मिटाने के अपने अभियान के दौरान बड़ी कार्रवाई की है।
चंडीगढ़: विजिलेंस ब्यूरो पंजाब ने राज्य में भ्रष्टाचार मिटाने के अपने अभियान के दौरान बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस ने गत दिन सोमवार को सतविंदर सिंह कंग बी.डी.पी.ओ. सिधवां बेट ब्लॉक लुधियाना जिला और लखविंदर सिंह अध्यक्ष ब्लॉक समिति सिधवां बेट को सरकारी धन में 65 लाख रुपए की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया। इन्होंने 26 गांवों में लगाई जाने वाली स्ट्रीट लाइटों की मंजूरी दर से दोगुनी कीमत पर स्ट्रीट लाइट खरीद कर सरकारी फंडों का दुरूपयोग किया है।
विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि विजिलेंस इन्क्वायरी नंबर 03 दिनांक 12-07-2022 की जांच के दौरान यह पाया गया कि सतविंदर सिंह बी.डी.पी.ओ. (अब निलम्बित) को सिधवां बेट ब्लॉक में अपनी पोस्टिंग के दौरान 26 गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए सरकारी फंड मिला था। उक्त बी.डी.पी.ओ. ने मेसर्स अमर इलेक्ट्रिकल इंटरप्राइजेज के मालिक गौरव शर्मा के साथ आपराधिक मिलीभगत से धन का गबन किया। बी.डी.पी.ओ. ने जान बूझकर 3,325 रुपए की मंजूरी दर के मुकाबले 7,288 रुपए प्रति लाइट की दर से लाइटें खरीदीं। उन्होंने कहा कि अपने उपयोग के लिए 65 लाख रुपए के सरकारी फंड का दुरुपयोग किया और राज्य के खजाने को वित्तीय नुकसान पहुंचाया है।
अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस मामले में आई.पी.सी. की धारा 409, 120-बी और धारा 13 (1) (ए), 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। थाना सदर, आर्थिक अपराध विंग लुधियाना ने सतविंदर सिंह कंग बी.डी.पी.ओ. और मेसर्स अमर इलेक्ट्रिकल इंटरप्राइजेज के गौरव शर्मा ने बताया कि जांच दौरान लखविंदर सिंह चेयरमैन ब्लाक समिती सिधवां बेट को भी इस मामले में नामजद किया गया है। इस मामले में बी.डी.पी.ओ. और चेयरमैन को गिरफ्तार कर लिया गया है और कल उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कार्यप्रणाली का खुलासा करते हुए प्रवक्ता ने आगे कहा कि ब्लाक समिती सिधवां बेट के सदस्यों की तरफ से 30-12-2021 को स्ट्रीट लाइटें लगाने का प्रस्ताव पास किया गया था। परन्तु मुलिजम बी.डी.पी.ओ. ने प्रस्ताव के पास होने से पहले ही 27-12-2021 को कोटेशन को मंजूरी दे दी थी। उक्त राशि को हड़पने के लिए बी.डी.पी.ओ. ने पूर्णता प्रमाण पत्र भी तैयार किया था, यहां तक कि 26 गांवों में स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगाई गई थी। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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