गुरुद्वारा साहिब में पत्थर पूजने की वीडियो ने मचाया बवाल

Edited By Anjna,Updated: 02 May, 2018 07:34 AM

video of stone worship in gurdwara sahib

गांव डोड के गुरुद्वारा साहिब में करीब 30 वर्ष से अधिक समय से पुराने पड़े पत्थर को लेकर गांव वासी आमने-सामने हो गए हैं व गांव में तनाव का माहौल बन गया है। इस पत्थर को लेकर गांव के एक अमृतधारी सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर गुरुद्वारा साहिब में पत्थर पूजा...

सादिक (परमजीत): गांव डोड के गुरुद्वारा साहिब में करीब 30 वर्ष से अधिक समय से पुराने पड़े पत्थर को लेकर गांव वासी आमने-सामने हो गए हैं व गांव में तनाव का माहौल बन गया है। इस पत्थर को लेकर गांव के एक अमृतधारी सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर गुरुद्वारा साहिब में पत्थर पूजा की डाली गई वीडियो के वायरल होने उपरांत कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने-सुनने को मिल रही हैं।

यह पत्थर कहां से व कैसे गांव में आया, इसके बारे कोई ठोस जानकारी नहीं मिली मगर कुछ गांव वासियों का कहना है कि एक बार गांव में भारी ओलावृष्टि हुई, जिस कारण गांव की फसल तबाह हो गई थी व लोगों की हालत बहुत दयनीय बन गई थी। आगे से गांव में ओलावृष्टि से बचाव के लिए ही यह पत्थर संतों के द्वारा वजूद में आया था। गांव वासियों अनुसार इस पत्थर के गांव में आने के बाद गांव में भारी ओलावृष्टि नहीं हुई। 

ज्यादातर गांव वासी इस पत्थर को रखने के पक्ष में
गुरबाणी अनुसार बुत पूजन, पत्थर पूजन व मड़ी-मसानी पूजने से मनाही है। इन सिद्धांतों पर अमल करते हुए जत्थेदार चंद सिंह डोड ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस पत्थर को छत से उतारकर गांव में से गुजरती गंग नहर में प्रवाहित कर दिया था। गांव के कुछ लोगों को जब इस घटना का पता चला तो वे पत्थर को नहर में से निकाल लाए व दोबारा पुराने गुरुद्वारा साहिब की इमारत की छत पर रख दिया। ज्यादातर गांव वासी इस पत्थर को रखने के हक में हैं।

उक्त पत्थर को छत पर रखने की वीडियो जत्थेदार बलदेव सिंह खालसा ने सोशल मीडिया पर डालकर आरोप लगाया था कि गांव वासियों द्वारा सुख-शांति के लिए हर वर्ष की तरह श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठ के भोग डाले गए थे व बाद में कुछ लोगों ने इस पत्थर को लस्सी के साथ धोया व पूजा की थी जिस कारण उनके मन को ठेस पहुंची, जिस कारण उन्होंने पत्थर को नहर में प्रवाहित कर दिया मगर कुछ लोगों ने नहर में से दोबारा निलकवाकर उसे फिर गुरुद्वारा साहिब की छत पर रख दिया जहां छत के नीचे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी प्रकाश किया गया है।

पिपली वाले संत ने लिखी थी इस पत्थर पर गुरबाणी की तुक
एकत्रित की जानकारी अनुसार पिपली वाले संत गांव डोड आए थे व उन्होंने गांव वासियों को कहा था कि वह हर वर्ष फसल की आमद से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पाठ के भोग डाला करें। उस समय उन्होंने उक्त पत्थर पर गुरबाणी की तुकलिख दी जिन्हें गांव वासियों ने गांव के ही एक मिस्त्री से पत्थर पर छैनी के साथ खुदवा दिया व इस पत्थर को गांव के पुराना गुरुद्वारा साहिब की छत पर रख दिया। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!