अब ऊपर से निचले अधिकारियों को मौखिक आदेश, जितना हो सके करो निजी जीएसटी इकट्ठा

Edited By Vaneet,Updated: 04 Jun, 2020 11:33 AM

verbal orders to top officials now collect private gst as much as you can

पंजाब के जीएसटी विभाग में पहले नीचे से ऊपर एक निजी जी.एस.टी एकत्रित कर भेजा जाता था लेकिन ...

लुधियाना(धीमान): पंजाब के जी.एस.टी विभाग में पहले नीचे से ऊपर एक निजी जी.एस.टी एकत्रित कर भेजा जाता था लेकिन अब पिछले कुछ महीनों से नए उच्चाधिकारियों के आ जाने से निचले अधिकारियों को मौखिक आदेश मिल रहे हैं कि जितना हो सके, निजी जी.एस.टी एकत्रित किया जाए। इसके लिए बकायदा पासरों के साथ पटियाला के एक उच्चाधिकारी ने बैठक भी की है और उनसे तय किया गया है कि वे किस पासर से कितना महीना लेंगे। इस मीटिंग की चर्चा राज्य के पूरे जी.एस.टी विभाग में है और ईमानदार अफसर इस मीटिंग के संबंध में विरोध भी जता चुके हैं।

बताया जाता है कि इन उच्चाधिकारियों के आने के बाद से ही मोबाइल विंग की सड़क पर गाडिय़ां को रोककर चैकिंग करने की पावर को वापस लिया गया है। औपचारिकता निभाने के लिए दफ्तर में बैठने वाले अधिकारियों की विशेष तौर पर ड्यूटी लगाकर उन्हें ट्रकों की जांच के लिए भेज दिया जाता है, जबकि इन अधिकारियों को यहां तक मालूम नहीं है कि कौन सी सड़क से दो नंबर का माल निकलेगा। अधिकारी मेन रोड पर नाका लगाकर खकड़े रहते हैं और पासर चोर रास्ते से माल निकाल ले जाते हैं। दूसरी और यह भी पता चला है कि कांग्रेस का एक मंत्री जिसका संबंध माझा से है, उसने अधिकारियों को खुलेआम कह रखा है कि उसके आदमियों का नुक्सान नहीं होना चाहिए। यानी पासरों व ट्रांसपोर्टरों के दो नंबर के ट्रक निकालने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट मौखिक आदेश हैं।

जालंधर जी.एस.टी. विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंडी गोबिंदगढ़ का एक पासर रोजाना टनों के हिसाब से हिमाचल के गगरेट में लगी एक फर्नेस को बिना बिल के माल पहुंचाता है। उसके बाद इस फर्नेस में तैयार होने वाला टी.एम.टी. सरिया भी पंजाब, हिमाचल, व हरियाणा के शहरों में पासरों के जरिए ही भेजा जाता है लेकिन स्क्रैप और टी.एम. टी.की सारी जाली बिलिंग जालंधर की एक कंपनी करती है। गत वर्ष इस कंपनी को 200 करोड़ की जाली बिलिंग के केस में भी पकड़ा गया था और इस पर करीब 30 करोड़ रुपए का टैक्स लगा था लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते दलाल किस्म के पासर ने सारा खेल 5 करोड़ रुपए में निपटवा दिया और केस को अपील में लगवा दिया। अब यह केस फाइलों में दबा पड़ा है। विजीलैंस के पास भी इस संबंध में किसी ने गुप्त सूचना भेजी है लेकिन पासर की पहुंच ऊपर तक होने के कारण जालंधर की फर्म पर कोई हाथ नहीं डाल रहा। ध्यान रहे कि जो अधिकारी इस पासर की बात नहीं सुनता, उसे वह सी.बी.आई की धमकी देकर रिश्वत के इल्जाम में फंसवा देता है।

सेट्रल जी.एस.टी विभाग के एक अधिकारी को यह पासरा पकड़वा चुका है। मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना में दो नंबर के स्क्रैप के कारोबार ने लॉकडाउन के बाद से फिर से रफ्तार पकड़ ली है। हाल ही में पंजाब केसरी ने अमृतसर से दो नंबर में बेचे जा रहे है पंखों के संबंध में एक खबर छापी थी जिसके बाद अधिकारियों को मजबूरन टैक्स चोरों पर धर पकड़ करने पडी और वे पकड़े गए। जहां से विभाग को काफी रैवेन्यू हासिल हुआ। अब स्टील और स्क्रैप पर नकेल कस दी जाए तो टैक्स करोड़ों में एकत्रित हो जाएगा। बशर्त अधिकारी अपना निजी जी.एस.टी न इकट्ठा करें। 

मुख्यमंत्री जी, एेसे अधिकारी होंगे तो सरकार खजाना कैसे भरेगी
जी.एस.टी विभाग मुख्यमंत्री खुद देख रहे हैं। इसके बावजूद न तो अधिकारियों को और न ही मंत्रियों की ख्रराब हो रही छवि की कोई गरज है। उन्हें सिर्फ अपनी जेबें गर्म करने तक मतलब है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सख्त शासक होने की छवि पर टैक्स चोर भारी पड़ रहे हैं। पंजाब का खजाना खाली है और शराब से टैक्स जुटाने में सरकार जुटी है लेकिन जहां से करोड़ों टैक्स आ सकता है, उसे मुख्यमंत्री ने नजरअंदाज कर रखा है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!