Edited By Updated: 24 Jan, 2017 02:11 AM
भारतीय जनता पार्टी बेशक सत्ता में आने के लिए 5 राज्यों में जोर-आजमाइश कर रही है, ....
जालंधर(पाहवा): भारतीय जनता पार्टी बेशक सत्ता में आने के लिए 5 राज्यों में जोर-आजमाइश कर रही है, लेकिन पार्टी की पतली हालत को देखते हुए भाजपा को अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सहारा लेना पड़ रहा है। इस कारण पार्टी को अपनी रणनीतियों में बदलाव करना पड़ रहा है।
5 राज्यों में से भाजपा इस समय यू.पी., पंजाब तथा उत्तराखंड को लेकर बेहद गंभीर है। इन राज्यों में पार्टी को बिना कोशिश के या ठोस रणनीति के बिना सत्ता मिलती नजर नहीं आ रही है। उधर, यू.पी. तथा उत्तराखंड में बाहरी उम्मीदवारों को लाए जाने के कारण भाजपा के अंदर बड़े स्तर पर बवाल मचा हुआ है। भाजपा मुख्य तौर पर इस बवाल को शांत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सहारा ले रही है।
भाजपा को यू.पी., उत्तराखंड के साथ पंजाब की राजपुरा सीट पर भी बाहरी नेता होने का विरोध झेलना पड़ रहा है। विरोध का स्तर भी बड़े नेताओं से लेकर आम कार्यकत्र्ता तक जारी है। भाजपा संघ के माध्यम से बड़े नेताओं को रूठों को मनाने के लिए भेज रही है। पार्टी चाहती है कि टिकट आबंटन से नाराज भाजपा के वर्कर रोष स्वरूप अगर घर बैठ गए तो पार्टी को भारी नुक्सान होगा। भाजपा ने इस प्रकार की एक गलती दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भी की थी। उन चुनावों में कई स्थानीय वर्करों को इग्नोर किया गया, जिस कारण पार्टी के अंदर इतना रोष फैला कि 70 में से मात्र 3 सीटें ही पार्टी के हिस्से में आईं।
भाजपा में यह पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में बाहरी लोगों को पार्टी में टिकट दिया गया है। इस प्रकार के टिकट आबंटन से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा कलराज मिश्र जैसे बड़े कद के नेता भी खुश नहीं हैं। ये नेता तर्क देते हैं कि अगर सर्वे में सब कुछ ठीक आ रहा है तो अपने वर्कर को टिकट न दिया जाए।