Edited By Tania pathak,Updated: 04 Sep, 2020 11:22 AM
फाइनल या एग्जिट सेमेस्टर के एग्जाम 17 सितंबर से शुरू करने का ऐलान किया गया है। इस बार छात्र ऑनलाइन मोड से एग्जाम देंगे। स्टूडेंट्स को पेपर लिखकर देना है, लेकिन फिजिकल इंटरेक्शन न होने के कारण इसे पूरी तरह ऑनलाइन माना जा रहा है...
पंजाब/चंडीगढ़: फाइनल ईयर परीक्षाओं के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूनिवर्सिटी ने तैयारी कस ली है। मिली जानकारी अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी के फाइनल या एग्जिट सेमेस्टर के एग्जाम 17 सितंबर से शुरू करने का ऐलान किया गया है। इस बार छात्र ऑनलाइन मोड से एग्जाम देंगे। स्टूडेंट्स को पेपर लिखकर देना है, लेकिन फिजिकल इंटरेक्शन न होने के कारण इसे पूरी तरह ऑनलाइन माना जा रहा है। यह फैसला पीयू वीसी प्रो. राजकुमार की सिंडिकेट द्वारा बनाई गई स्पेशल कमेटी के साथ हुई मीटिंग में किया गया। अभी इसकी आधिकारिक घोषणा करना बाकी है। यूजीसी ने पेपर के दौरान अपनी सुविधा अनुसार हर यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट को अपने स्तर पर ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिले-जुले तरीके से पेपर लेने की इजाजत दी थी। माना जा रहा है कि इस बार ये एग्जाम 2 घंटे का होगा।
यूनिवर्सिटी कैंपस और इसके एफिलिएटेड 191 कॉलेजों के करीब 75 हजार स्टूडेंट्स एग्जाम में अपीयर होंगे। इसमे से लगभग 4500 स्टूडेंट यूनिवर्सिटी कैंपस के हैं। गौरतलब है कि फाइनल ईयर विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। यूजीसी की नई गाइडलाइंस के मुताबिक फाइनल ईयर की परीक्षा सितम्बर तक करवाने के निर्देश दे दिए है परन्तु इस के खिलाफ विद्यार्थियों में रोष देखने को मिल रहा है।
एग्जाम को लेकर शुरू हुई प्लानिंग
मिली जानकारी अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी ने सभी अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के फाइनल सेमेस्टर के एग्जाम की तैयारियों पर काम करना शुरू कर दिया है। सिंडिकेट की ओर से बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग भी हो रही है। प्रो. नवदीप गोयल की अध्यक्षता में बनी कमेटी में लगभग 25 मेंबर हैं जिसमें आधे प्रतिनिधि कॉलेजों से हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही यूनिवर्सिटी ने इस बारे में तैयारियां शुरू कर दी हैं।
पीयू के विद्यार्थियों ने दाखिल की थी याचिका
पीयू के छात्रों की तरफ से दाखिल याचिका में 26 मई 2020 के फैसले और 19 जून 2020 की नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की गई है। इसमें सभी फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को अपने फाइनल सेमेस्टर परीक्षा में अपीयर होने के निर्देश दिए गए थे। याचिका में यूजीसी की गाइडलाइन का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर स्टूडेंट के एग्जाम करवाने के लिए बाध्य नहीं है। लेकिन इस पर फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले परीक्षा लेने का फैसला किया है।