Edited By Sunita sarangal,Updated: 05 Sep, 2021 05:44 PM
बेरोजगार अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री की कोठी के आगे खून का प्याला तहसीलदार कुलवंत सिंह द्वारा शिक्षा मंत्री को भेंट किया।
संगरूर(सिंगला): आज देश भर में जहां एक तरफ अध्यापक दिवस मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पंजाब के शहर संगरूर में बेरोजगार बी.एड. अध्यापकों द्वारा सिविल अस्पताल से शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला की कोठी तक रोष मार्च निकाला गया। खून का प्याला लेकर पहुंचे बेरोजगार अध्यापकों की तरफ से पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए कैप्टन सरकार को निकम्मी सरकार करार दिया।
बेरोजगार अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री की कोठी के आगे खून का प्याला तहसीलदार कुलवंत सिंह द्वारा शिक्षा मंत्री को भेंट किया। इस मौके संबोधित करते हुए बेरोजगार नेता अमन सेखा, गगनदीप कौर, सन्दीप सिंह ने कहा कि ‘घर घर रोजगार’ का वादा करके सत्ता में आई कैप्टन सरकार बेरोजगार अध्यापकों को रोजगार देने से इन्कार कर रही है। इसी कारण वे पिछले 8 महीने से शिक्षा मंत्री की कोठी का घेराव किए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आज अध्यापक दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा देश भर में अध्यापकों का सम्मान करने के दिखावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि जिस समाज में बेरोजगार अध्यापकों को स्थाई रोजगार मुहैया न करके उनका आर्थिक, मानसिक शोषण किया जा रहा हो वहां की सरकारें लोक विरोधी सरकारें हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गरीब वर्ग के छात्र पढ़ते हैं और स्कूलों को अध्यापकों से खाली रख कर सरकार गरीब बच्चों से शिक्षा का हक छीन रही है। स्कूलों में खाली पद होने के कारण भी पंजाब सरकार बेरोजगार अध्यापकों को भर्ती नहीं कर रही है। शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला अयोग्य मंत्री है जिनके मंत्री रहते सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारण शिक्षा का स्तर काफी नीचे गिर गया है। वह शांतमयी तरीकों के साथ पिछले कई महीनों से शिक्षा मंत्री के घर आगे रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। जब सरकार के कान पर जूं न सरकी तो एक बेरोजगार अध्यापक तंग आकर पानी की टंकी पर चढ़ गया। वह जिस दिन से पानी वाली टंकी पर चढ़ा है एक पल भी नीचे नहीं उतरा लेकिन सरकार उसकी खैर-खबर नहीं ले रही है। यदि उसकी सेहत बिगड़ती है तो इसकी सीधी जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री पंजाब और पंजाब सरकार की होगी।
प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों ने ऐलान किया कि यदि सरकार ने जल्द से जल्द 15 हजार पदों का इश्तिहार जारी न किया तो संघर्ष को और भी तीखा किया जाएगा। इस मौके कुलवंत सिंह लोंगोवाल, किरण ईसड़ा, प्रतिंद्र कौर, गुरप्रीत गाजीपुर, बलकार सिंह मंघानिया, कुलदीप भुटाल, सुमिंद्र फाजिल्का, बचित्र सिंह, गुरमेल सिंह, प्रदीप आदि उपस्थित थे।
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