विधायकी की आड़ में बिजनेस चलाने वाले राजनेताओं पर गिरेगी गाज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Apr, 2018 01:45 PM

under the guise of legislative business runners will fall on politicians

मंत्री व विधायकी की आड़ में बिजनेस चलाने वाले राजनेताओं और पद का दुरुपयोग कर परिवार के नाम कारोबार करने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है

 चंडीगढ़ : मंत्री व विधायकी की आड़ में बिजनेस चलाने वाले राजनेताओं और पद का दुरुपयोग कर परिवार के नाम कारोबार करने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। पदों का दुरुपयोग करके अपने कारोबार को बढ़ाना हितों के टकराव (कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) में आता है।  प्रदेश सरकार इससे बचने के लिए जल्द ही अध्यादेश जारी कर सकती है।  सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से तैयार किए गए।  इस ड्राफ्ट बिल पर कानूनी राय ले ली गई है और फाइल मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के ऑफिस में भेज दी गई है। विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। चूंकि सितंबर में होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर अभी काफी समय है, इसलिए सरकार उससे पहले ही अध्यादेश लाकर इसे लागू करना चाहती है। यदि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह इसे मंजूरी दे देते हैं तो सरकार जल्द ही इसका अध्यादेश जारी कर देगी। 

 

हितों के टकराव का कानून केवल मंत्रियों, विधायकों पर ही लागू नहीं होगा बल्कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी लागू होगा। प्रस्तावित बिल में कहा गया है कि बेशक अपनी आजीविका चलाने के लिए विधायक, मंत्री अपना कारोबार भी करते हैं लेकिन जब वह मंत्री या विधायक बन जाते हैं तो उन्हें ऐसे पदों पर नहीं रहना चाहिए जिससे उनके कारोबार प्रभावित होते हैं। याद रहे कि जब राणा गुरजीत सिंह को पिछले साल ऊर्जा मंत्री बनाया गया था तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे हितों के टकराव का मामला बताया था। दरअसल राणा गुरजीत सिंह का अपना को-जेनरेशन प्लांट भी है। इससे पैदा होने वाली बिजली पावरकॉम खरीदता है।

 

इसके अलावा उनके पास सिंचाई महकमा भी था। बाद में उनका नाम रेत की खदानें अपने रसोइए के नाम पर लेने का मामला सामने आया था। राणा गुरजीत के मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। मामला तूल पकड़ने पर उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था।  इसके अलावा कई ऐसे विधायकों के नाम भी चर्चा में आते रहे हैं जो रेत की खदानें लेने में अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल हैं। खुफिया विभाग ने मुख्यमंत्री को ऐसे 30 विधायकों की सूची भी सौंपी हुई है। 

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