Edited By Urmila,Updated: 07 Aug, 2022 03:01 PM
यूको बैंक लूट कांड में कमिश्नरेट पुलिस को लीड मिली है। शनिवार को लुटेरों का रूट ट्रैक करते हुए पुलिस काला सिंघिया रोड पर स्थित निज्जरां गांव में पहुंच गई।
जालंधर (वरुण): यूको बैंक लूट कांड में कमिश्नरेट पुलिस को लीड मिली है। शनिवार को लुटेरों का रूट ट्रैक करते हुए पुलिस काला सिंघिया रोड पर स्थित निज्जरां गांव में पहुंच गई। लुटेरों का रूट सी.सी.टी.वी. कैमरों से ट्रैक करते हुए निज्जरां पहुंची टीम को पता लगा कि निज्जरां गांव से पहले ही मोटर पर कुछ लवारिस कपड़े और जूते मिले हैं। पुलिस तुरंत उस मोटर पर गई। वहां पर कपड़े व जूते देख कर पता लगा कि कपड़े व जूते लुटेरों के ही थे जिन्होंने उसी ड्रैस में वारदात को अंजाम दिया था। मोटर पर तीनों लुटेरों ने अपने कपड़े बदले थे। पुलिस ने लुटेरों के कपड़े और जूते कब्जे में लेकर आगे की पड़ताल शुरू कर दी है।
लुटेरों ने रास्ते में कहीं भी मास्क नहीं उतारा और न ही उन्होंने अपना वाहन बदला। लुटेरे ट्रिपिंग राइडिंग करते हुए इतना सफर तय कर गए और रास्ते में कहीं भी ट्रैफिक पुलिस या थाना पुलिस के नाके पर उन्हें नहीं रोका गया। डी.सी.पी. इंवैस्टिगेशन की मानें तो उनकी टीमें आरोपियों तक जल्द पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि कई बिंदुओं पर लूट केस को ट्रेस किया जा रहा है। पुलिस टीम बैंक के अंदर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की एक हफ्ते की रिकार्डिंग भी खंगाल रही है। डंप डाटा भी उठाया गया है और एक एक नंबर की पड़ताल की जा रही है।
वहीं देर रात पुलिस निज्जरां गांव में लुटेरों की तस्वीरें दिखा कर आरोपियों की पहचान करवाने में जुटी हुई है। शनिवार को लुटेरों की एक ओर सी.सी.टी.वी. फुटेज आई जिसमें वह गलियों के रास्ते से काला सिंघिया रोड की तरफ जा रहे हैं। लुटेरों ने ज्यादातर सफर गलियों-मोहल्ला का तय किया ताकि लूट के बाद अगर स्पैशल नाके लगे भी हो तो उनका बचाव हो सके।
हालांकि जेल चौक के बाद आरोपी मेन रोड पर आए गए थे लेकिन मेन रोड पर ट्रैफिक पुलिस का नाका न होने के कारण आरोपी आसानी से काला सिंघिया रोड की तरफ चले गए। डी.सी.पी. जसकिरणजीत सिंह तेजा ने कहा कि जल्द से जल्द आरोपियों की पहचान होगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि काले रंग की बिना नंबर एक्टिवा पर आए तीन लुटेरों ने इंडस्ट्रियल एरिया स्थित यूको बैंक में स्टाफ और ग्राहकों को गन प्वाइंट पर लेकर कैश रूम से 13 लाख रुपए से भी ज्यादा कैश लूट लिया था।
फिंगर प्रिंट क्लीयर न होने के कारण बायोमीट्रिक स्कैनर से उम्मीद टूटी
पुलिस को उम्मीद थी कि बायोमीट्रिक स्कैनर से लुटेरों का कोई सुराग मिल सकता है लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिली है। दरअसल बैंक से लिए गए फिंगर प्रिंट क्लीयर न होने के कारण स्कैनर से किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिली। पुलिस की मानें तो मौके से फॉरेंसिंक टीम को कहीं से भी लुटेरों के क्लीयर फिंगर प्रिंट नहीं मिले हैं।
प्रोफैशनल लुटेरों की लिस्ट भी खंगाल रही पुलिस
जिस तरीके से लुटेरों ने वारदात को अंजाम दिया और फिर भागने के लिए गलियों-मोहल्लों का रास्ता चुना उससे पुलिस को पूरी उम्मीद है कि उक्त लुटेरे प्रोफैशनल हैं। ऐसे में पुलिस जालंधर समेत अन्य आसपास के शहरों के प्रोफेशनल लुटेरों की भी लिस्ट खंगाल रही है जो इस समय जमानत पर हैं।
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