Edited By swetha,Updated: 21 May, 2019 08:38 AM
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को अमीर किसानों को दी जा रही ट्यूबवैल सबसिडी और मुफ्त बिजली की सुविधा बंद करने को कहा है।
चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को अमीर किसानों को दी जा रही ट्यूबवैल सबसिडी और मुफ्त बिजली की सुविधा बंद करने को कहा है। जनहित याचिका पर हरियाणा और पंजाब सरकार की ओर से किसानों की कृषि जमीन पर लगे ट्यूबवैल्स के बिजली कनैक्शन पर सबसिडी के मामले में हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस की कोर्ट में सुनवाई के दौरान हरियाणा और पंजाब सरकार ने उचित जवाब के लिए समय की मांग की जिस पर हाईकोर्ट ने दोनों सरकारों को समय देते हुए सुनवाई 6 अगस्त तक स्थगित कर दी। कोर्ट ने कहा कि अमीर किसानों को सबसिडी क्यों दी जा रही है जिससे सरकार पर 7000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ चुका है।
उक्त राशि सबसिडी के रूप में देकर सरकार आम लोगों के टैक्स का दुरुपयोग कर रही है इसलिए उक्त सबसिडी का अमीर किसानों को लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। लिहाजा हाईकोर्ट ने अब मामले में पंजाब सहित हरियाणा सरकार को कहा है कि कोर्ट को बताएं कि अमीर किसानों को ट्यूबवैल्स पर सबसिडी और मुफ्त बिजली की सुविधा बंद करने के लिए क्या कार्रवाई की। अगली सुनवाई पर कोर्ट को जानकारी दिए जाने के आदेश दिए हैं।
चीफ जस्टिस कृष्णा मुरारी एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा की जनहित याचिका पर आदेश दिए हैं। सुनवाई दौरान एक बार फिर जब पंजाब सरकार ने कहा कि जिस नीति के तहत किसानों को खेतों में पंप-सैट के लिए मुफ्त बिजली दी जा रही है उसमें अमीर और गरीब का कोई फर्क नहीं रखा गया है। बावजूद इसके पी.एस.पी.सी.एल. ने 23 फरवरी को सर्कुलर जारी कर कहा है कि कोई किसान सबसिडी को छोडऩा चाहता है तो छोड़ सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि किसी की स्वेच्छा पर नहीं छोड़ा जा सकता। इस मामले में अब सरकार कार्रवाई कर यह सबसिडी वापस ले सकती है।