शादी बंधन में बंधने से पहले रक्त कुंडली मिलान का ट्रैंड

Edited By swetha,Updated: 09 Dec, 2018 10:53 AM

trend of medical check up before marriage

अरेंज मैरिज के ट्रैंड में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है। कई कारणों के चलते आज शादी से पहले लड़की-लड़का पक्ष डाक्टरों के पास मैडीकल चैकअप करवा रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण शादी के बाद के झगड़े हैं और अदालतों की फाइलें मैडीकल आधार पर तलाक के केसों से...

लुधियाना(सहगल): अरेंज मैरिज के ट्रैंड में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है। कई कारणों के चलते आज शादी से पहले लड़की-लड़का पक्ष डाक्टरों के पास मैडीकल चैकअप करवा रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण शादी के बाद के झगड़े हैं और अदालतों की फाइलें मैडीकल आधार पर तलाक के केसों से भरी पड़ी हैं। केस फाइल करने वाले पक्ष की तरफ से आनुवांशिक बीमारी के बारे में शादी से पहले नहीं बताने को आधार बनाया जा रहा है इसलिए कुंडली मिलान के साथ-साथ रक्त कुंडली मिलाने का भी ट्रैंड बढ़ गया है।  

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मैडीकल टैस्ट के ये भी कारण

नशा: विवाह के लिए रिश्ते की बात आते ही सबसे पहले लड़की परिवार की तरफ से लड़के की कमाई का साधन जानने के साथ-साथ नशारहित होने के बारे में पूछा जाता है, लेकिन अक्सर इस बात को छुपा लिया जाता है। इसके चलते भी लड़की पक्ष द्वारा लड़के पक्ष से मैडिकल चैकअप रिपोर्ट मांगी जाने लगी है। 
    
एड्स: लड़के-लड़की का एड्स के कारण दाम्पत्य जीवन बर्बाद न हो इसलिए भी लोग डाक्टरों के पास मैडीकल जांच के लिए पहुंच कर रहे हैं। साथ ही डायबिटीज और कैंसर पीड़ितों की एक बड़ी आबादी आनुवांशिक कारणों से प्रभावित है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर माता-पिता दोनों के वंश में ऐसी बीमारियों के जीन मौजूद हैं, तो अगली पीढ़ी को इन रोगों के होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।

आर.एच. असंगति: अधिकतर लोग आर.एच. पॉजीटिव होते हैं लेकिन जनसंख्या का एक छोटा हिस्सा करीब 15 प्रतिशत आर.एच. नैगेटिव होता है। आर.एच. फैक्टर हर लाल रक्त कणिकाओं पर एक प्रोटीन होता है। अगर मां और बच्चे का आर.एच. फैक्टर अलग-अलग होगा तो यह गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चा दोनों के लिए ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। अलग-अलग आर.एच. फैक्टर वाले लोगों को आपस में शादी न करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट बड़ी समस्या होती है, जिसके कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  

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बाद में पछताने से अच्छा रक्त कुंडली मिलान
शादी की सारी तैयारियां हो जाती हैं मगर लड़का-लड़की का मैडीकल चैकअप करवाने के बारे में कोई नहीं सोचता है, जबकि शादी से पहले कुछ मैडीकल चैकअप कराने से उनकी आनुवांशिक बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। बात करने पर कुछ लोगों का कहना है कि शादी के बाद पछताने से अच्छा है कि पहले ही मैडीकल जांच करवा ली जाए, ताकि वर्षों तक आपका रिश्ता सेहतमंद और खुशहाल बना रहा। बदलती जीवनशैली से आजकल कई बीमारियां कम उम्र में ही शरीर को घेर लेती हैं। अगर इन सभी बीमारियों का पता शादी से पहले चल जाए तो उनसे बचना या उनका इलाज करना बेहद आसान हो सकता है।

क्या कहते है डाक्टर
*ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं जिनमें लड़के-लड़की में से किसी एक को मिर्गी होती है और उसे शादी से पहले छुपाकर रखा जाता है जो बाद में पता चलने पर विवाद का विषय बनता है। मिर्गी की जांच के लिए एम.आर.आई. से पता लगाया जाता है, पर इसमें भी 100 प्रतिशत नतीजे नहीं मिलते। अक्सर ऐसे मामलों में स्वयं अपने बारे घोषणा कर देना ही सबसे बेहतर होता है ताकि बाद में किसी विवाद से बचा जा सके। -डा. रजिन्द्र बांसल,वरिष्ठ न्यूरो विशेषज्ञ।

*शादी से पहले हैल्थ चैक करवाने को लेबर लोग थोड़ा बहुत जागरूक हो रहे हैं। इसमें यह भी देखने की कोशिश की जाती है कि कहीं किसी को एच.आई.वी. तो नहीं है जबकि वर पक्ष के लोग हैल्थ चैकअप के साथ भावी वधू के पेट का अल्ट्रासाऊंड करवाने की डिमांड भी रखते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके के वधू के बच्चा पैदा करने में दिक्कत तो नहीं आएगी जबकि सभी लोगों को थैलेसीमिया का टैस्ट करवाने के प्रति जागरूक किया जाता है ताकि आने वाले समय में संतान को थैलेसीमिया नामक रोग न हो। हर भावी वधू के लिए थैलेसीमिया का टैस्ट अनिवार्य हो, क्योंकि पंजाब में थैलेसीमिया के काफी मामले सामने आ रहे हैं। -डा. विनिता मुंजाल, वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ। 

*लोगों में खासकर गांवों में रहने वालों में शादी से पहले जांच का टै्रंड बढ़ा है, जिसमें 2 टैस्टों को विशेष तरजीह दी जाती है कि लड़का कहीं नशेड़ी तो नहीं और दूसरा उसे एच.आई.वी. तो नहीं। ई लोग शादी से पहले करवाने वाले हैल्थ चैकअप के लिए मश्विरा करने भी आ रहे हैं कि वे अपने भावी वर अथवा वधू की शादी से पहले कौन से टैस्ट करवाएं।-डा. रजीव महाजन, विभाग प्रमुख, वरिष्ठ मनोचिकित्सक।

*गांवों में नशे के चलन से अभिभावक भी परेशान दिखाई दे रहे हैं। कई लोग अपने अविवाहित युवा लड़कों को जांच के लिए स्वयं लेकर आ रहे हैं कि वे कोई नशा तो नहीं करते ताकि शादी के बाद उसकी शिकायत न आए और वह स्वस्थ जीवन जी सके। -डा. अविनाश जिन्दल, मैडीसन स्पैशलिस्ट, सिविल अस्पताल, लुधियाना।

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