Edited By swetha,Updated: 06 May, 2018 03:44 PM
आज से 5 साल पहले 2013 में उत्तराखंड त्रासदी ने पता नहीं कितने घरों के चिरागों को बुझा दिया था। ऐसा ही एक घर होशियारपुर का है। यहां आज भी एक मां को अपने बेटे के आने का इंतजार है। उसको लगता है कि उस का बेटा विक्की आज भी कहीं से आएगा और उसे गले लगा...
होशियारपुरः आज से 5 साल पहले 2013 में उत्तराखंड त्रासदी ने पता नहीं कितने घरों के चिरागों को बुझा दिया था। ऐसा ही एक घर होशियारपुर का है। यहां आज भी एक मां को अपने बेटे के आने का इंतजार है। उसको लगता है कि उस का बेटा विक्की आज भी कहीं से आएगा और उसे गले लगा लेगा।
मां ने रोते हुए बताया कि विक्की 9 जून, 2013 को अपने 4 दोस्तों के साथ चार धामों की यात्रा पर गया था। वह 16 जून को केदारनाथ में रुके थे। जहां बादल फटने के कारण हजारों लोग बह गए। गाड़ी पार्क करने गया विक्की भी अपने एक अन्य दोस्त सहित इस हादसे की चपेट में आ गया। इस खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। उत्तराखंड सरकार ने कुछ समय बाद लापता लोगों को मृतक ऐलान दिया,पर होशियारपुर का यह घर और यह मां आज भी अपने बेटे का इंतजार कर रही है।