Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 02:02 PM
विधानसभा हलका गिद्दड़बाहा में करोड़ों की लागत से बना सिविल अस्पताल इस समय स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जहां एक ओर स्टाफ व जरूरी सामान की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अस्पताल में गंदे पानी की निकासी न होने के कारण...
गिद्दड़बाहा (संध्या): विधानसभा हलका गिद्दड़बाहा में करोड़ों की लागत से बना सिविल अस्पताल इस समय स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जहां एक ओर स्टाफ व जरूरी सामान की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अस्पताल में गंदे पानी की निकासी न होने के कारण मच्छरों की भरमार है।
जब लोग दूर-दराज से गांवों के उपचार करवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचते हैं तो स्टाफ की कमी के कारण उन्हें काफी समस्याएं पेश आती हैं। इस अस्पताल के डॉ. संजीव जैन को विभाग द्वारा अगले 2 माह के लिए फरीदकोट रैफर किया गया है जिससे मरीजों की परेशानियों में और बढ़ौतरी हो रही है। अगर उनकी बदली वापस गिद्दड़बाहा में हो जाए तो मरीजों को काफी राहत मिल सकेगी। वहीं एमरजैंसी में आए मरीजों को अक्सर ही रैफर कर दिया जाता है जिसके चलते 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बठिंडा पहुंचने से पहले ही मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।
कौन से पद हैं खाली
सिविल अस्पताल गिद्दड़बाहा में इस समय नर्सों की 4, दर्जा 4 कर्मियों की 5, लैब में 2 लैबोरेटरी टैक्नीशियन व 2 रेडियो ग्राफर व एक माली का पद खाली है। नर्सों की कमी के कारण अन्य नर्सों पर काम का ज्यादा बोझ पड़ता है जिस कारण वे मानसिक व शारीरिक रूप में थक जाती हैं।
मरीज रास्ते में तोड़ रहे दम
अस्पताल में मैडीकल सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को रैफर कर दिया जाता है। 90 प्रतिशत पीड़ित बङ्क्षठडा जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।