Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2017 03:31 AM
पाकिस्तान द्वारा रिहा किए गए 78 भारतीय मछुआरों के साथ एक सिविल.....
अमृतसर(नीरज): पाकिस्तान द्वारा रिहा किए गए 78 भारतीय मछुआरों के साथ एक सिविल कैदी भी रिहा होकर आया है जिसको जिला प्रशासन ने रैड क्रास के दफ्तर में रखा है लेकिन मैडीकल जांच में सामने आया है कि यह सिविल कैदी जिसका नाम सुरेन्द्र मोहन है, काफी हद तक पागल हो चुका है। पाकिस्तान की जेलों में उसे भीषण थर्ड डिग्री की यातनाएं दी गईं जिस कारण वह अपना मानसिक संतुलन खो चुका है।
सुरेन्द्र को इतना भी पता नहीं है कि वह इस समय पाकिस्तान की जेल में है या फिर भारत में आ चुका है वह तो रैड क्रास दफ्तर को भी जेल ही समझ रहा है। उसे इतनी जानकारी जरूर है कि वह छपरा (बिहार) के किसी गांव का रहने वाला है लेकिन अपने रिश्तेदारों के नाम उसे ठीक प्रकार से याद नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार सुरेन्द्र मोहन गलती से पाकिस्तान चला गया था जहां पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे जासूस समझ कर बुरी तरह से पीटा। पाकिस्तान की सैनिक जेल में भी सुरेन्द्र को रखा गया जहां बाद में उसे 2 वर्ष की सजा सुनाई गई।
2 वर्ष की सजा काटने के बाद भी उसे रिहा नहीं किया गया और 7 वर्ष तक जेल में रहने के लिए मजबूर किया गया। आज जब सुरेन्द्र रिहा होकर भारत आ चुका है और आजाद फिजा में सांस ले रहा है, वह अपने घर वालों से मिल पाएगा या नहीं, उसे पता नहीं है। इतना ही नहीं, जिला प्रशासन व रैड क्रास के अधिकारियों को भी सुरेन्द्र का घर व पता तलाशने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उसेअपने परिवार के सदस्यों के बारे में कुछ याद नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान की कोटलखपत जेल से रिहा होकर आने वाले कैदियों में कुछ कैदी पागल थे जिनको घर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
कुछ मामलों में तो कैदियों के परिवार वाले उनको मरा हुआ समझकर भूल चुके थे तो कुछ मामलों में जमीन-जायदाद की हिस्सेदारी होने के कारण घर वाले अपने सदस्य को लेने के लिए तैयार नहीं थे जिसके चलते प्रशासन को वहां के डिप्टी कमिश्नरों सहित पुलिस की भी मदद लेनी पड़ी क्योंकि पाकिस्तान से रिहा होकर आए कैदियों को पागलखाने में भी नहीं रखा जा सकता है।