Edited By Suraj Thakur,Updated: 16 Oct, 2018 04:49 PM
जस्टिस रणजीत सिंह आयोग ने सूबे में बेअदबी के 162 मामलों की जांच की थी। आयोग ने करीब 100 स्थानों का दौरा कर गवाहों के बयान कलमबद्ध किए थे। आयोग का दावा है कि बरगाड़ी और बुर्ज जवाहर सिंह वाला की घटनाएं सोची समझी साजिश का नतीजा थीं। इसके अलावा बठिंडा...
जालंधर। बहबल कलां और कोटकपूरा घटनाक्रम को लेकर जहां सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी ने जहां एक तरफ लोगों के बयान कलमबद्ध करने शुरू कर दिए हैं, वहीं दूसरी ओर जस्टिस रंजीत सिहं आयोग की रिपोर्ट को घटनाक्रम में संलिप्त अफसरों ने उनके खिलाफ जांच किए जाने को लेकर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है। हाईकोर्ट ने सिर्फ पूव डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के मामले में कहा है कि उन्हें गिरफ्तार करने से पहले उन्हें एक हफ्ते का नोटिस दिया जाए। पिछले तीन सालों से अब इस मामले ने लोकसभा चुनाव से पहले अच्छा खास तूल पकड लिया है। अब जब इस मामले में लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, तो punjabkesari.in एक बार फिर से आपको बताने जा रहा है कि जस्टिस रणजीत सिंह कि रिपोर्ट में है क्या.......
14 जुलाई, 2015 में हुआ था पहला बेअदबी का मामला....
जस्टिस रणजीत सिंह आयोग ने सूबे में बेअदबी के 162 मामलों की जांच की थी। आयोग ने करीब 100 स्थानों का दौरा कर गवाहों के बयान कलमबद्ध किए थे। आयोग का दावा है कि बरगाड़ी और बुर्ज जवाहर सिंह वाला की घटनाएं सोची समझी साजिश का नतीजा थीं। इसके अलावा बठिंडा जिले में गुरुसर, मोगा जिले में मल्लिके की घटनाएं भी गंभीर थीं। बेअदबी का पहला मामला जहां 14 जुलाई, 2015 को बुर्ज जवाहर सिंह वाला में हुआ। वहीं इस घटना के बाद सितंबर 2016 से दिसंबर 2015 के बीच सूबे में बेअदबी की 60 घटनाएं हुईं। आयोग ने इन घटनाओं को पुलिस असफलता बताया है।
पूव सीएम प्रकाश सिंह बादल को बहिबल कलां और कोटकपूरा की घटना की थी पूरी जानकारी....
जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट कहा गया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को बहबल कलां और कोटकपूरा के घटनाक्रम पूरी जानकारी थी। यह जानकारी पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी ने बेअदबी मामलों की जांच के लिए गठित जस्टिस रणजीत सिंह आयोग को दी है। आयोग द्वारा चार भागों में राज्य सरकार को सौंपी रिपोर्ट में बेअदबी के विभिन्न मामलों की जांच के बाद पुलिस प्रशासन और पूर्व अकाली-भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट में पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी ने अपने दो पेजों के बयान में कहा है कि 13/14 अक्तूबर, 2015 की रात दो बजे पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उन्हें फोन कर कोटकपूरा में हालात और उनसे निपटने के लिए उठाए गए कदमों का जायजा लिया था।
घटना वाली रात सभी अफसर और पूर्व सीएम थे एक-दूसरे के संपर्क में.....
जस्टिस रणजीत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि पूर्व मुख्यमंत्री को बरगाड़ी बेअदबी कांड, बहबल कलां व कोटकपूरा इलाकों में हुई घटनाओं की पूरी जानकारी थी। आयोग ने कॉल डिटेलों और बयानों के आधार पर संदेह जताया है कि पूर्व सीएम प्रकाश बादल उनके स्पेशल सचिव गगनजीत सिंह बराड़, डीजीपी सुमेध सैनी, आईजी धरमराज सिंह उमरानंगल, कोटकपूरा के तत्कालीन एमएलए मंतार बराड़ को बहबल कलां गोलीकांड की घटना के बारे में पूरी जानकारी थी। रिपोर्ट में कहा है कि घटना वाली रात सभी अफसर और मुख्यमंत्री एक-दूसरे के संपर्क में थे। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से भी इस बाबत जानकारी मांगी गई थी लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।